चाँद मामा हंसुआ द

चाँद मामा हंसुआ द

बदलाव प्रतिनिधि

जैसे जैसे दिन बीतता जा रहा है..बदलाव बाल क्लब की कार्यशाली परवान चढ़ती जा रही है । मुजफ्फरपुर में बदलाव बाल क्लब की पाठशाला के तीसरे दिन बच्चों का उत्साह चरम पर रहा। बच्चों की बढ़ती संख्या और बुजुर्गों के सानिध्य को देखते हुए तीसरे दिन कार्यशाला शाम 7 बजे की बजाय दोपहर के वक्त किया गया । पीयर गांव में चारों ओर से खुले आसमान के नीचे आम की छांव तले बच्चों को कहानियां सुनाई गईं ।  पारंपरिक कहानियों की समेट भोजपुरी के लोककथाकार और कवि कुमार विरल बच्चों के बीच आए तो बच्चों की उत्सुकता देख काफी खुश हुए । कवि कुमार विरल ने ‘’चांद मामा चांद मामा हंसुआ द’’ और एक छोटी चिड़िया’’ चने की दाल’’ की कहानी बच्चों को सुनाई ।

कवि विरल ये बताया कि उनको ये कहानियां उनकी दादी सुनाया करती थी और ऐसा मौका पहुंत कम मिलता है जब हम अपने बुजुर्गों की कही सार्थक और प्रेरणा दायक किस्सागोई को युवा पीढ़ी को सुनाएं । लिहाजा कुमार विरल ने बदलाव की इस पहले की काफी सराहना की और कहा कि ‘’दादा-दादी, नाना-नानी और बड़े बुजुर्गों द्वारा सुनी कहानियों को बचाने की दिशा में यह बड़ा कारगर प्रयास है बस जरूरत है तो इसे और विस्तार देने की ।‘’  कवि विरल ने बताया कि ऐसी कथायें हमारे जीवन से जुड़ी होती हैं लिहाजा बच्चें इसका संग्रह करें, इसे याद करें यही हमारी बहुमूल्य धरोहर है । जिससे ना सिर्फ गांव की संस्कृति बचेगी बल्किर देश का भविष्य भी संवरेगा। तीसरे दिन की कार्यशाली में ऋतुराज ने विष्ण प्रभाकर की कहानी बाबू जी बारात में, अंशु प्रिया ने बालक ध्रुव और पुष्पांजलि ने खास की रोटी का पाठ किया ।

इस बीच बंदरा के बीडीओ विजय कुमार ठाकुर भी शरीक हुए और बच्चों का उत्साह वर्धन भी किया । विजय कुमार ने पढ़ने के प्रति बच्चों की उत्सुकता देख उन्हें करीब दो दर्जन किताबें भी उपहार स्वरूप भेंट की, जिसे हर दिन बच्चों को दी जाएगी । यही नहीं विजय कुमार ने शनिवार को कार्यशाला के संचालन की भी इच्छा जाहिर की है । फिलहाल चौथे दिन यानी बुधवार को कार्यशाला का संचालन लोककवि कामेश्वर मिश्र घुमक्कड़ करेंगे ।

इधर दिल्ली के मयूर विहार में कार्यशाला के चौथे दिन बच्चों को ‘’तीन लोक का टीपना’’ कहानी का पाठ कराया गया । कहानी के खत्म होते होते बच्चों को पूरी कहानी जैसे रट सी गई । यही नहीं बच्चों ने आखिर में कहानी से मिली सीख को खुद बताने लगे । यही नहीं तीसरे दिन बच्चों को जो राज्य और उसकी राजधानी का जो टास्क दिया गया था उसे बखूबी पूरा किया और क्लास में पहुंचते ही बच्चों ने पंजाब और उसकी राजधानी का नाम बताया । अगले दिन के लिए बच्चों को यूपी और उसकी राजधानी के साथ मुख्यमंत्री का नाम भी याद करके आने को कहा गया है । मयूर विहार में मंगलवार की कार्यशाला का संचालन अरुण यादव ने किया । चौथेदिन पहली बार कार्यशाला में पहली कक्षा में पढ़ने वाले छात्र अविनाश भी शामिल हुए । खासबात ये है कि अविनाश को कार्यशाला इतनी पसंद आई कि उसने तबाक से पूछा- अंकल क्या मैं कल भी आ सकता हूं । लिहाजा उसे बताया कि 17 जून तक हर रोज आप आ सकते हो । इसबीच ऑल इंडिया रेडियो में कहानी वाचक नमिता जी से बात हुई और उन्होंने बच्चों को एक दिन कहानी सुनाने की हामी भरी है और वो जल्द ही बदलाव की कार्यशाला में शिरकत करेंगी ।