वीरेंद्र नंदा मुजफ्फरपुर में सन् 1901 में रवीन्द्रनाथ टैगोर को दिये गये सम्मान-पत्र की बांग्ला प्रति की प्रतिलिपि रंगकर्मी स्वाधीन
Author: badalav
अपने ही गांव में आज हम अजनबी बन गए
धीरेंद्र पुंडीर अपने ही मकान में हम अजनबी या अजनबी मकान में हम कुछ भी कह पाना मुश्किल है। अकेले
23 जून को पटना में विनय तरुण स्मृति कार्यक्रम
पुष्यमित्र इस बार विनय तरुण स्मृति समारोह पटना में होना तय हुआ है। जगह फाइनल है। रोटरी भवन। हम विनय
सूखा है तो है, उन्हें तो सिर्फ सत्ता से मतलब है!
पुष्यमित्र / इन दिनों बिहार समेत लगभग पूरा देश भीषण सूखे का सामना कर रहा है, अगर 5-7 फीसदी लोगों
‘माफी’ के साथ ‘पहले प्यार’ से मिलने चले विनोद कापड़ी
फिल्मी जगत को दोस्ती के लिए छोड़कर करीब सालभर पहले मीडिया में वापसी करने वाले विनोद कापड़ी एक बार फिर
गोडसे के ‘गुरु’ और उनके ‘राष्ट्र विभाजनकारी’ सिद्धांत को समझिए
वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश के फेसबुक वॉल से साभार ये वोट की बात नहीं, ये तथ्य की बात है! कुछ लोग
‘अकाल’ की दहलीज पर खड़ा बिहार
पुष्यमित्र इन दिनों लगभग पूरा बिहार भीषण किस्म के जलसंकट का सामना कर रहा है। दक्षिण बिहार की स्थिति तो
जून माह के अतिथि संपादक वीरेन नंदा
जाने माने साहित्यकार , कवि और लेखक डाक्टर वीरेन नंदा बदलाव के इस साल जून महीने के अतिथि सम्पादक। बाबू
सूरत अग्निकांड के बाद भी क्या हम कुछ नहीं सीखेंगे ?
राकेश कायस्थ सूरत अग्निकांड की तस्वीरें स्तब्ध कर देने वाली हैं। सुंदर भविष्य का सपना देख रहे 21 नौजवान जलकर