दयाशंकर मिश्र छोटे-छोटे प्रश्नों पर हम इतने अधिक चिंतित होते जा रहे हैं कि जीवन में चिंता की कड़वाहट दोगुनी
Author: badalav
मनुष्य सज़ा से नहीं प्रेम से बदलते हैं…. और हमारी दुनिया भी!
हमारे प्रेम से रिश्ते इतने जर्जर हो गए हैं कि थोड़ा-सा धक्का लगते ही टूट जाते हैं. बदलने के लिए
शहादत दिवस पर आजादी के नायकों को नमन
ब्रह्मानंद ठाकुर क्रांति का मतलब है अन्याय और शोषण पर टिकी शासन व्यवस्था की जगह किसान-मजदूरों का राज स्थापित करना।23
दिल की गांठें खोल रे मनवा
दयाशंकर मिश्र हर कोई खुद पर मोहित है, मानो सारा संसार उसके लिए धूल है। वह तब तक ऐसा करता
शहर-शहर किसान आंदोलन की तेज होती ‘धार’
ब्रह्मानंद ठाकुर किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए बार-बार प्रयास किया लेकिन हर मोर्चे पर षड्यंत्रकारी विफल रहे। आज
सोशल मीडिया के जरिए युवाओं की जिंदगी ‘आसान’ बना रहे हैं अर्पित
वीके गुप्ता सोशल मीडिया आज एक ऐसा प्लेट फॉर्म है जहां आप अपने हुनर के मुताबिक अपनी अलग पहचान बना
जीते जी हाल पूछोगे… प्यार करोगे… तो अफसोस न रहेगा!
दयाशंकर मिश्र आभार या खेद के फूल! हम जीवन के प्रति अपने चुनाव में इतने अस्पष्ट और द्वंद्व से भरे
जीवन संवाद- प्रेम या नफरत ‘बदला’ छोड़ो, सुख मिलेगा
दयाशंकर मिश्र बदला किसी भी रूप में सुखकारी नहीं, बात केवल हिंसा की नहीं. प्रेम में बदले की कामना हिंसा
ढिंढोरा पीटने की आदत बदल डालें
दयाशंकर मिश्र हम पूरी ऊर्जा लगा देते हैं यह बताने में कि किसके लिए अब तक क्या-क्या किया! कर्तव्य का
अंधेरे बंद कमरे में रौशनदान की तरह थे कमल दीक्षित
कमल दीक्षित अजात शत्रु थे, वो किसी पर अविश्वास नहीं करते थे, सभी का आत्मीय भाव से स्वागत करते थे।