धीरेंद्र पुंडीर दाना मांझी उड़िया के अलावा दूसरी कोई भाषा नहीं बोल पाता है। अनग देई तो अब कोई भी
Author: badalav
विकास की आड़ में ‘विनाश’ का मीठा ज़हर घुल रहा है ?
एम अखलाक ”भारत का पूंजीवादी विकास मॉडल शोषण पर आधारित है। इससे समाज का एकतरफा विकास हो रहा है, जबकि
बलिहारी गुरु आपनो, जीवन दियो सिखाय
दीपक कुमार जीवन में गुरु की महत्ता से कोई भी इंकार नहीं कर सकता है। आज के आधुनिक दौर में
सीमेंट कारोबारी, थोड़ी फिक्र रक्सौल की हवा की भी करें
कुणाल प्रताप सिंह रक्सौल का यह मुद्दा सड़क से लेकर संसद तक गूंजा। कई दफा धरना-प्रदर्शन भी हुआ। एक युवक
कटिहार रेलवे स्टेशन की तारीफ़ में दो शब्द
संतोष कुमार आज पहली बार यहां आने का मौका मिला। इतनी सफाई देखकर ऐसा एहसास हुआ कि शायद बिहार में
आल्हा-ऊदल की धरती पर कजरी के रंग
कीर्ति दीक्षित कहते हैं जो सभ्यता या संस्कृति वक्त के साथ खुद में बदलाव नहीं लाती वो दम तोड़ देती
फरक्का बांध, सिल्ट और नदियों की अविरल धारा
पुष्यमित्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फरक्का बराज की वजह से गंगा नदी और बिहार को होने वाले नुकसान का मसला
‘दाल क्रांति’ से ही मिलेगी ग़रीबों को दाल-रोटी
जितेंद्र कुमार शर्मा आज गरीबों की थाली से दाल गायब होती जा रही है। हरित क्रांति में गेंहू और धान
सच का सूरज कैद वहां है…
अवधेश कुमार सिंह 28 अगस्त 2016, रविवार को गाजियाबाद के वैशाली के सेक्टर-4 के सेंट्रल पार्क में एक और साहित्यिक
चित्रकूट का रोमांच और आनंद
बरुण के सखाजी अगर आपके पास 2 या 3 दिन हैं तो आपके लिए चित्रकूट एक अच्छी लोकेशन हो सकती