पुष्य मित्र बिहार में हर साल बाढ़ कहर बनकर टूटती है । लाखों लोग बेघर होते हैं और हजारों करोड़
Author: badalav
राम कथा में गांव बनाम शहर की लड़ाई
नरेंद्र अनिकेत इन दिनों कई तरह के सपने तैर रहे हैं। ये सपने नहीं हैं, एक यूटोपिया है। शहर ऐसे
पोला पर्व पर बैल-दौड़ की परंपरा
शिरीष खरे हम छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के रावणभाठा मैदान में हैं। यहां सुबह-सुबह किसान अपने बैलों को सजा-धजाकर लाए
स्वच्छता के लिए 30 किलोमीटर लंबी मानव शृंखला
अविनाश उज्ज्वल नीयत साफ हो और इरादा मजबूत तो हर काम आसान लगने लगता है । कुछ ऐसे ही हौसले
दाना मांझी ने अपनी अनग की आख़िरी ख्वाहिश पूरी कर दी
धीरेंद्र पुंडीर दाना मांझी उड़िया के अलावा दूसरी कोई भाषा नहीं बोल पाता है। अनग देई तो अब कोई भी
विकास की आड़ में ‘विनाश’ का मीठा ज़हर घुल रहा है ?
एम अखलाक ”भारत का पूंजीवादी विकास मॉडल शोषण पर आधारित है। इससे समाज का एकतरफा विकास हो रहा है, जबकि
बलिहारी गुरु आपनो, जीवन दियो सिखाय
दीपक कुमार जीवन में गुरु की महत्ता से कोई भी इंकार नहीं कर सकता है। आज के आधुनिक दौर में
सीमेंट कारोबारी, थोड़ी फिक्र रक्सौल की हवा की भी करें
कुणाल प्रताप सिंह रक्सौल का यह मुद्दा सड़क से लेकर संसद तक गूंजा। कई दफा धरना-प्रदर्शन भी हुआ। एक युवक
कटिहार रेलवे स्टेशन की तारीफ़ में दो शब्द
संतोष कुमार आज पहली बार यहां आने का मौका मिला। इतनी सफाई देखकर ऐसा एहसास हुआ कि शायद बिहार में
आल्हा-ऊदल की धरती पर कजरी के रंग
कीर्ति दीक्षित कहते हैं जो सभ्यता या संस्कृति वक्त के साथ खुद में बदलाव नहीं लाती वो दम तोड़ देती