अनु गुप्ता भारत एक ऐसा देश है जहां हर सौ कदम पर भाषा बदल जाती है। इस देश को अनेक और
Author: badalav
ओवैसी को जिसके लिए चुना वो वही कर रहे हैं !
वही लोग ओवैसी से इस वक़्त उसके सांप्रदायिक बयान को ले कर चिढ़े हुवे हैं जिन्होंने उसे चुना ही सांप्रदायिक
चलो देखें फिल्में और याद करें उनकी कुर्बानी
देश की आजादी के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाले ऐसे कई बलिदानी हैं जो आज भी गुमनामी की जंजीरों में
चित्रांगदा, उलुपि और अर्जुन की प्रणय कथा
पुष्यमित्र पूरा महाभारत जितना दिलचस्प है, उससे अधिक दिलचस्प है अर्जुन की इन दो पत्नियों की कथा। मुझे लगता है ज्यादातर
अवाम का सिनेमा के 10 साल, आप चलेंगे न अयोध्या
न आसमां से गिरा है और न ही पाताल से निकला है यह अवाम का सिनेमा है और अवाम से
संडे हो या मंडे, अंडे से समझिए ज़िंदगी के फंडे
प्रशांत दुबे वैसे तो संदेशा देने के लिए आजकल सरकारी महकमों में एक अलग ही शाखा होती है, जिसका नाम
‘अंगूठा छाप’ क्रांति से बदलेगी बैंकिंग की दुनिया
सत्येंद्र कुमार यादव गांव में पहले और आज भी अनपढ़ लोगों को अंगूठा छाप ही बोला जाता है। ऐसे लोग
अकेलेपन के अंधेरों में रचा गरीबों की जिंदगी का उल्लास गीत
धीरेंद्र पुंडीर जयललिता दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु की मुख्यमंत्री। रजत पट की अभिनेत्री और अभिनेता से नेता बने एमजीआर
गांव की फिल्म मेकर ने जीता अवॉर्ड
रुपेश गुप्ता करीब डेढ़ साल पहले की बात है। छत्तीसगढ़ की मैनपाट और मांझी जनजाति अचानक सुर्खियों में आ गई।
तुम्हारी जात क्या है, तुम क्या समझोगे?
प्रशांत दुबे किसी के इंतजार में खटलापुरा मंदिर में बैठा था| एक पढ़े-लिखे, सूट-वूट वाले भाईसाहब चार चके से उतरे,