कीर्ति दीक्षित निर्भया के माता पिता चार साल बाद भी बेटी को न्याय दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के चक्कर
Author: badalav
किन्नरों के मन की पाती बांचती मां और ‘नाला सोपारा’
इति माधवी ‘नाला सोपारा’ एक ऐसा उपन्यास जो एक ऐसे समुदाय पर आधारित है जिसके बारे में हर कोई बात
UP-100 के जरिए अखिलेश गढ़ेंगे यूपी पुलिस की नई छवि
अरुण यादव पुलिस को लेकर हमारे जेहन में हमेशा एक नकारात्मक छवि ही रही है। लेकिन जरा सोचिए वही पुलिस
भारत रंग महोत्सव में दिखेगा मैथिली रंगकर्म का ‘मेलोरंग’
अनु गुप्ता भारत एक ऐसा देश है जहां हर सौ कदम पर भाषा बदल जाती है। इस देश को अनेक और
ओवैसी को जिसके लिए चुना वो वही कर रहे हैं !
वही लोग ओवैसी से इस वक़्त उसके सांप्रदायिक बयान को ले कर चिढ़े हुवे हैं जिन्होंने उसे चुना ही सांप्रदायिक
चलो देखें फिल्में और याद करें उनकी कुर्बानी
देश की आजादी के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाले ऐसे कई बलिदानी हैं जो आज भी गुमनामी की जंजीरों में
चित्रांगदा, उलुपि और अर्जुन की प्रणय कथा
पुष्यमित्र पूरा महाभारत जितना दिलचस्प है, उससे अधिक दिलचस्प है अर्जुन की इन दो पत्नियों की कथा। मुझे लगता है ज्यादातर
अवाम का सिनेमा के 10 साल, आप चलेंगे न अयोध्या
न आसमां से गिरा है और न ही पाताल से निकला है यह अवाम का सिनेमा है और अवाम से
संडे हो या मंडे, अंडे से समझिए ज़िंदगी के फंडे
प्रशांत दुबे वैसे तो संदेशा देने के लिए आजकल सरकारी महकमों में एक अलग ही शाखा होती है, जिसका नाम
‘अंगूठा छाप’ क्रांति से बदलेगी बैंकिंग की दुनिया
सत्येंद्र कुमार यादव गांव में पहले और आज भी अनपढ़ लोगों को अंगूठा छाप ही बोला जाता है। ऐसे लोग