पुराने तैमूर पर नया ‘उन्माद’ कहीं ज़्यादा ख़तरनाक है!

कुमार सर्वेश मुझे आज सोशल मीडिया तैमूर लंग से ज्यादा खतरनाक लगता है। तैमूर तो अपने पेशे से खूंखार था।

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गांवों में छत्तीसगढ़ी फिल्मों का संसार

बरुण के सखाजी सीमित संसाधन, प्रचुर व्यावसायिकता के अभाव के बावजूद व्यापक दर्शक वर्ग से बात करता छत्तीसगढ़ी फिल्मों का

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