‘राकेश कायस्थ शहर के कैरेक्टर को समझने के लिए सिर्फ इंसान की नज़र काफी नहीं होती। जीव-जंतुओं का व्यवहार भी
Author: badalav
‘निंदक’ से इतनी नफरत ठीक नहीं मोदीजी
ब्रह्मानन्द ठाकुर भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने पिछले दिनों केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियों
पीएम साहब! जानबूझकर शल्य को सारथी मत बनाइए न
सुदीप्ति महाभारत मेरी रुचि का विषय है इसलिए जब एक भाषण में माननीय प्रधानमंत्री ने ‘शल्य’ का नाम लिया और
मां की आदत
मां ने पल्लू में अभी तक बांधकर रखी है मेरी पहली खिलखिलाहट जटामासी जैसे मेरे बालों के गुच्छे पोटली में
कुंदन शाह को ‘जाने भी दो यारों’
मयंक सक्सेना कुंदन शाह से दिल्ली में एक पत्रकार के तौर पर मिलना हुआ। पहली बार जब मिला था, तो छात्र
‘तुलसीदास’ कविता और सांप्रदायिकता का सवाल
देवांशु झा कवि अज्ञेय ने अपने संस्मरण में लिखा है “निराला के प्रति मेरी धारणा तब तक पूरी तरह बदल
मालवीय के सपनों का BHU और ‘त्रिपाठी युग’
ब्रह्मानन्द ठाकुर पिछले दिनों वाराणसी में शिक्षा के मंदिर में जो कुछ हुआ उसने शिक्षा जगत पर एक बदनुमा दाग
बदलाव पाठशाला के दूसरे दिन बच्चों में दिखा उत्साह
महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जयंती के दिन शुरू हुई बदलाव डॉट कॉम की पाठशाला धीरे-धीरे
गांधीजी जयंती पर मुजफ्फरपुर में आज से ‘बदलाव पाठशाला’
अरुण यादव आज गांधी जयंती है, पूरा देश स्वच्छता अभियान में जुटा है, क्योंकि स्वच्छता गांधीजी की प्राथमिकताओं में काफी
मुंबई लोकल को सकारात्मक ऊर्जा के साथ जीने की कशिश
राकेश कायस्थ मुंबई के लोकल की ये दो तस्वीरें हैं। एक तस्वीर फर्स्ट क्लास की है और दूसरी सेकेंड क्लास