रूपेश कुमार


आप आते हैं तो हमारी पॉजिटिव एनर्जी और बढ़ जाती है- राकेश सिंह
रविवार का दिन था, व्यस्तताओं में वृद्धि स्वाभाविक थी। नया DSLR लेंस 70-300mm अमेजन से आया तो सुबह छत पर उसी के एक्सपेरिमेंट में काफी समय लग गया। सबसे महत्वपूर्ण था मधेपुरा में पहली बार सोशल मीडिया पर आयोजित सेमिनार में भाग लेना। सेमिनार के ख़ास आकर्षण पटना में प्रभात खबर के सीनियर जर्नलिस्ट पुष्यमित्र जी से मिलने की ख्वाहिश थी। वक्ताओं ने अपने-अपने विचार रखे तो गर्व इस बात पर भी होने लगा कि बुजुर्गों से लेकर मधेपुरा के युवाओं में भी अब सोशल मीडिया के निगेटिव-पॉजिटिव असर को लेकर जागरूकता काफी बढ़ी है।
सेमिनार के बाद पुष्यमित्र जी का मधेपुरा टाइम्स ऑफिस भी आना हुआ। अबतक उनके सधे और असरदार लेख पढ़कर प्रभावित होता था आज उनकी बातें और विचार भी प्रभावित कर गए। घंटों जीवन और कैरिअर के उतार-चढ़ाव और संघर्ष पर बातें होती रहीं। प्रभात खबर मधेपुरा के ब्यूरो चीफ रूपेश जी और चन्दन जी भी साथ थे। जानकर मनोबल और बढ़ा कि कई सालों से पुष्यमित्र जी मधेपुरा टाइम्स को फ़ॉलो करते आ रहे हैं और उन्होंने मुझे ये भी बताया कि आपलोग शुरू से ही वीडियो सेक्शन पर काम कर रहे हैं जबकि अधिकांश पोर्टल ने हाल से इस चीज को अपनाया है। मैंने बताया कि टोटल कॉन्सेप्ट ही मेरा अपना था, जिसे बाद में लोगों ने इस्तेमाल किया। 2010 से ही मधेपुरा टाइम्स के चलने और अबतक की पूरी व्यवस्था पर उनसे प्रशंसा के शब्द मिले जो सुकून दे गये। जाहिर है, राज्यस्तरीय बड़े पत्रकार जब इस छोटे जिले के न्यूज पोर्टल के स्टूडियो में अपना बहुमूल्य समय घंटों में दें तो तय मानिए, बहुत कुछ सीखने के साथ-साथ हमारी पॉजिटिव एनर्जी और बढ़ जाती है।
विशिष्ट अतिथि सह एसपीएम लॉ कॉलेज के प्राचार्य प्रो सत्यजीत यादव ने कहा कि सोशल मीडिया ने अभिव्यक्ति का फलक व्यापक कर दिया है। हर व्यक्ति इससे प्रभावित हो रहे हैं लेकिन इसके नकारात्मक पक्ष से बच्चों को सतर्क करने की भी जरूरत है। सत्यजीत यादव ने कहा, साहित्यकार पत्रकार क्लब ने मधेपुरा में एक नयी संस्कृति को जन्म दिया जो यहां की ख्याति को दूर दूर तक फैलाने का काम करेगी। सेमिनार में राकेश सिंह ने कहा, लोग सोशल मीडिया के निगेटिव पक्ष को ज्यादा ग्रहण कर रहे हैं। डा आलोक कुमार, रंधीर कुमार, चंदन कुमार, संदीप शांडिल्य, तुरबशु, गौरव कुमार, राहुल यादव, अमन कुमार सिंह ने सोशल मीडिया के वर्तमान परिवेश पर अपने अपने विचार रखे। इस अवसर पर डा ललन कुमार अद्री, डा नीलाकांत, दीपक सिंह, वार्ड पार्षद ध्यानी यादव, रजीउररहमान, प्रभात कुमार मिस्टर, निशांत यादव, गरिमा उर्विशा, विकास कुमार, मानस चंद्र सेतु, ओम प्रकाश, राज कुमार, सुभाष चंद्र, कुमार शंभू शरण सिंह, निशांत कुमार, अभिषेक कुमार अनंत, शिवजी शिरण सिंह, हिमांशु विक्की, सारंग तनय, कृष्ण मुरारी, अशोक कुमार सहित दर्जनों की संख्या में साहित्यकार व पत्रकार मौजूद रहे। अंत में धन्यवाद ज्ञापन क्लब के सचिव संजय परमार ने किया।
70के दशक के बाद प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर कारपोरेट्स घरानो का कब्जा हो जाने के बाद सोशल मीडिया का दायित्व सचमुच बढ गया है। कुछ कमियां तो हैं ,उसे दूर करना होगा।लेकिन वर्तमान पूंजीवादी व्यवस्था में यह काम कठिन है।असम्भव नही ।