बदलाव प्रतिनिधि, मुजफ्फरपुर
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 111वीं जयंती के अवसर पर 23 सितम्बर को मुजफ्फरपुर में लंगट सिंह महाविद्यालय में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम दो दिनों तक चलेगा। प्रथम दिन कार्यक्रम का उद्घाटन गोवा की राज्यपाल डाक्टर मृदुला सिन्हा 11 बजे करेंगी । इस अवसर पर कालेज परिसर में दिनकर जी की प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा । इसके बाद एक सेमिनार होगा। सेमिनार का विषय रखा गया है — सामासिक चेतना के कवि दिनकर। इस कार्यक्रम के संयोजक और विषय प्रवर्तक कवि साहित्यकार डाक्टर संजय पंकज ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सेमिनार का यह विषय इसलिए रखा गया है कि कोई भी बड़ा कवि परस्पर विपरीत ध्रुवों का ध्रुवांत करता है।
दिनकर एक ऐसे ही कवि थे विरोधों का सामंजस्य ही दिनकर का व्यक्तित्व और कृतित्व रहा है। वे आग और राग, युद्ध और शांति, घृणा और प्रेम, काम और अध्यात्म, वीर और श्रृंगार के बड़े कवि रहे हैं। इसी दिन शाम 6 बजे से दिनकर की प्रमुख रचना ‘रश्मिरथी ‘ का नाट्य मंचन मुंबई से आए कलाकारों द्वारा प्रख्यात रंगकर्मी मुजीब खान के निर्देशन में किया जाएगा। श्री खान अब तक दिनकर की इस कृति का 150 बार विभिन्न जगहों पर मंचन कर चुके हैं। यह उनका 151 वां मंचन होगा। इस मंचन में सहयोग करने वालों में विशिष्ठ हैं राष्ट्रकवि दिनकर स्मृति न्यास के अध्यक्ष श्री नीरज कुमार। समारोह में उनके द्वारा सम्पादित स्मारिका ‘नमन उन्हें मेरा शत बार ‘ का लोकार्पण भी किया जाएगा। 24 सितम्बर को काव्यगोष्ठी आयोजित होगी। कार्यक्रम में दिनकर जी के पुत्र, साहित्यकार केदारनाथ सिंह विशिष्ठ अतिथि होंगे। मुजफ्फरपुर से राष्ट्रकवि का बड़ी ही गहरा रिश्ता रहा है। वे लंगट सिंह कालेज में हिन्दी के प्राध्यापक और फिर 1950 से 1952 तक हिंदी विभागाध्यक्ष भी रहे। अपनी प्रसिद्व रचना,उर्वशी जिसके लिए उन्हें भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया था,उन्होंने यहीं लिखी थी। लंगट सिंह महाविद्यालय में इस दो दिवसीय जयंती समारोह की तैयारी जोरों पर चल रही है।