कहानी सफलता की
यूपीपीएससी द्वारा आयोजित पीसीएस परीक्षा 2015 में इस बार जौनपुर के नौजवानों ने जलवा दिखाया है। चाहें टॉपर हो या दूसरे नंबर पर, संबंध किसी ना किसी रूप में जौनपुर से जुड़ा है। टॉपर सिद्धार्थ यादव के बारे में पिछले अंक (कामयाबी की खुशी तुमसे कैसे बांटू मेरे दोस्त रवि ) में आप पढ़ सकते हैं। आइए अब जानते हैं दूसरे स्थान पर रहे मंगलेश दुबे, महिला श्रेणी में चौथे स्थान पर रहीं गूंजा सिंह और कॉमर्शियल टैक्स ऑफिसर चुने गए अतुल कुमार यादव का जौनपुर से क्या संबंध है? वाणिज्य कर अधिकारी पद पर चुने गए आजमगढ़ के देवेश सिंह ने भी अपने माता-पिता और जिले का नाम रौशन किया है ।
गूंजा सिंह, एसडीएम पद पर चयन
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम ए की पढ़ाई करने वाली गूंजा सिंह का चयन एसडीएम पद के लिए किया गया है। यूपी पीसीएस परीक्षा 2015 में सुलतानपुर के लम्भुआ ब्लॉक के खसड़े गांव निवासी गूंजा सिंह ने लड़कियों की श्रेणी में चौथा स्थान हासिल किया है । वैसे टॉप 20 में 19वां स्थान प्राप्त किया। उनके पति शैलेंद्र सिंह गाजियाबाद सदर के एसडीएम हैं । गूंजा का मायका मूल रूप से जौनपुर जिले के केराकत तहसील का करनेहुआ गांव है। उनके पिता जोखन सिंह इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के मुख्य सचिव रहे। गूंजा सिंह ने एम ए की परीक्षा इलाहाबाद विश्वविद्याल से पास की है । उनके दो भाइयों में दीपक सिंह इलाहाबाद हाईकोर्ट में सरकारी अधिवक्ता हैं, भाई स्वतंत्र कुमार सिंह 2012 बैच के डिप्टी एसपी हैं । गूंजा सिंह पढ़ने में मेधावी हैं। उन्होंने बताया कि “पढ़ाई के प्रति लगाव को देखते हुए मेरे पति ने मुझे सिविल सेवा में आने के लिए प्रेरित किया । जब मेरा बेटा 6 महीने का था तब मैंने तैयारी शुरू की। शुरुआत में थोड़ी दिक्कतें आईं लेकिन घर वालों की मदद और पति के मार्गदर्शन की वजह से मैं ये मुकाम हासिल कर पाई। ”
मंगलेश दुबे, एसडीएम पद पर चयन
पीसीएस परीक्षा 2015 में दूसरे स्थान पर रहे मंगलेश दुबे की संघर्ष की कहानी काफी प्रेरक है। लगातार प्रयास से अबकारी निरीक्षक से प्रशासनिक अफसर बन गए। प्रतापगढ़ के नारायणपुर कला सुवंश के रहने वाले मंगलेश के पिता नरेंद्र कुमार दुबे गांव में ब्रांच पोस्टमास्टर हैं। मंगलेश ने बादशाहपुर, जौनपुर से 1999 में प्रथम श्रेणी में हाई स्कूल पास किया । केपी कॉलेज प्रतापगढ़ से 2001 में सेकंड डिविजन से 12वीं पास । बीएचयू से प्रथम श्रेणी में स्नातक। काशी विद्यापीठ वाराणसी से व्यक्तिगत छात्र के रूप में एम ए उतीर्ण किया । औसत छात्र होने के बावजूद कड़ी मेहनत से 2009 में लोअर में चयन हुआ और अबकारी निरीक्षक बने । 2008 में मार्केटिंग इंस्पेक्टर और 2014 में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी । 2007 से अब तक लगातार दर्जनों नौकरियों में साक्षत्कार दिया । 2009 में IAS की परीक्षा में साक्षत्कार तक पहुंचे थे लेकिन चयन नहीं हो पाया । मंगलेश की इस सफलता से उनके परिवार के साथ-साथ पूरे गांव के लोग काफी खुश हैं और मंगलेश नौजवानों के लिए प्रेरणा बन गए हैं ।
अतुल कुमार यादव, कॉमर्शियल टैक्स ऑफिसर
जौनपुर जिले के सेहमलपुर गांव के रहने वाले अतुल कुमार इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन (भूगोल) की पढ़ाई की। यूजीसी से भूगोल विषय में दो बार जे आर एफ । पीसीएस परीक्षा 2015 में कॉमर्शियल टैक्स ऑफिसर पद पर चयन हुआ है। पीसीएस परीक्षा में भूगोल और दर्शनशास्त्र विषय । अतुल अपनी सफलता का श्रेय पिता राम कृष्ण यादव , माता भागीरथी देवी और अपने करीबी दोस्तों को दिया। बच्चों के साथ बातें करना, बच्चों को पढ़ाना, हॉलीवुड की फिल्में देखना, न्यूज डिबेट देखना इनकी रूची है ।
देवेश कुमार सिंह, वाणिज्य कर अधिकारी पद पर चयन
मूलतः आजमगढ़ के निवासी देवेश कुमार सिंह का चयन वाणिज्य कर अधिकारी पद पर हुआ है । देवेश के पिता सुरेंद्र कुमार सिंह वाराणसी में अतिरिक्त जनपद न्यायाधीश के पद पर कार्यरत हैं। बीटेक. करने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एल एल बी की पढ़ाई कर रहे हैं। आजमगढ़ के एक प्रतिष्ठित परिवार से सम्बन्ध रखने वाले देवेश ने अपनी इस सफलता को हाल ही में दिवंगत दादा स्वर्गीय त्रिभुवन सिंह जी को समर्पित किया । उन्होंने बताया कि “माता पिता के साथ ही दादा-दादी जी, ताऊ-ताई, बुआ-फूफा जी, चाचा-चाची, भैया-भाभी और मित्रों ने उन्हें सदैव प्रेरित किया।” देवेश अपने पिता और फूफा जी को अपना रोल मॉडल मानते हैं और उनका कहना है कि “अभी तो पहली सफलता मिली है, IAS बनने के लिए संघर्ष जारी है।“