जाति, मज़हब, उम्र और युग की दीवारों को पार करके किसी एक शख़्सियत ने पूरे देश का प्यार पाया है तो वो थे डॉ कलाम ! आप हमेशा याद आओगे सर !!!- विनोद कापड़ी
विदा, मेरे हीरो, आज कौन किसे ढांढस बंधाये, शायद ही कोई आँख होगी जो नम नहीं होगी … अंतिम प्रणाम !डॉ अब्दुल कलाम।- मृदुला शुक्ला
निर्विकार, निर्विवाद ,युगप्रेरक, मार्गदर्शक, मिसाइल मैन को आखिरी सलाम। ये देश आपका सदैव ऋणि रहेगा। नमन!- कमलेश यादव
आप दुनिया के लिए मिसाइल मैन थे लेकिन हम सब के लिए मिसाल थे…आप देश के राष्ट्रपति थे लेकिन हम जैसे लाखों नौजवान के लिए आप एक पिता समान थे…आपका एक एक संदेश शक्ति देता है….कर्म ही आपका धर्म रहा…कुछ शब्दों से नहीं… हृदय से आपको श्रद्धांजलि कलाम सर…- पंकज प्रसून
आशीष सागर – म्रत्यु के बाद जनम है लेकिन उन्होंने जो देश के लिए किया हमारी हैसियत नही की उन्हें दिल से विदा कर सके….प्रणाम