मोतीझील के स्मृति प्लाजा में रविवार को डॉ नीलिमा वर्मा की कृति काव्याकाश के नखत और उन पर केंद्रित विशेषांक
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घास की खुश्बू, बारूद की गंध के बीच प्रेम की बयार:ऑपरेशन बस्तर
डॉ. नीलू अग्रवाल भारत में कई ऐसे सुंदर प्रदेश हैं जहां के सीधे-साधे जीवन को नक्सलवाद का ग्रहण लग गया
काश तू आये तो रंग सारे आ जाएं
अवधेश कुमार सिंह के फेसबुक वॉल से साभार “होली के त्यौहार में, कालिख असली रोय।। उस तन काला ना चढ़े
आलोक श्रीवास्तव की दो कविताएं
एक दिन आएगा एक दिन आएगा जब तुम जिस भी रास्ते से गुजरोगी वहीं सबसे पहले खिलेंगे फूल तुम जिन
लगता है इंसानियत का खेत बंजर हो गया
बदलाव प्रतिनिधि, ग़ाज़ियाबाद 26 अगस्त ’ 2018, रविवार, वैशाली,गाजियाबाद। “प्रेम सौहार्द भाई चारे” पर गीतों , कविताओं और गजलों से परिपूर्ण “पेड़ों की छांव तले रचना पाठ” की 47वीं साहित्य गोष्ठी वैशाली
आपके हिस्से की हंसी, ख़ुशी, सुगंध, मिठास मुबारक हो
अपने जन्मदिन पर मृदुला शुक्ला की फेसबुक पोस्ट मेरा पैदा होना पत्थर पर जमी दूब नहीं था न ही सिल
स्कूल की चहारदीवारी के बाहर ‘गुरुदेव’ की पाठशाला
डा. सुधांशु कुमार आज के निष्प्राण , अमनोवैज्ञानिक व सूचना केन्द्रित शैक्षिक आपातकाल के बीच विश्वकवि एवं महान चिंतक रवीन्द्रनाथ
गिलहरी
अभिषेक राज दिल में आता है एक गिलहरी पाल लूं ऑफिस से आते जाते ही सही मैं उसका हाल लूं
कबीर की परंपरा के कवि नागार्जुन
ब्रह्मानंद ठाकुर अक्खड़पन और खड़ी-खड़ी कहने की परम्परा में बाबा नागार्जुन कबीर के काफी करीब पड़ते हैं। किसी को बुरा
मुंदरी
डॉक्टर प्रीता प्रिया हॉस्टल के लान में पुरवइया सी दौड़ती -भागती, हंसती- खिलखिलाती लड़कियों के झुंड के सामने अचानक ही