वीरेन नंदा/ वर्तमान समय में लोकतंत्र का चौथा खंभा पूरी तरह जमींदोज नजर आ रहा है। एक वह समय था
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क्यों विपक्ष और जनपक्ष हो जाना ही निष्पक्ष पत्रकारिता है?
पुष्यमित्रजब मैं लिखता हूं कि पत्रकार का काम शास्वत विपक्ष हो जाना है तो कई मित्र को आपत्ति होती है।
दीपक चौरसिया- सफरनामे में तालियों का शोर और सन्नाटा
पशुपति शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार। दीपक चौरसिया। पत्रकारिता का एक बड़ा नाम। मैं और मेरे हम-उम्र साथी जिस
टीवी की डिबेट का स्तर चौक-चौराहे की चर्चा से भी बदतर-सच्चिदानंद जोशी
बदलाव प्रतिनिधि, गाजियाबाद प्रेस की स्वतंत्रता एवं मीडिया का आत्म नियमन विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय मीडिया संगोष्ठी गाजियाबाद के
स्वतंत्र पत्रकारिता के नए प्रयोग पर निकल पड़ा है पथिक पुष्यमित्र
देश में चुनाव आने वाला है। सरकार अपना गुणगान करने में लगी है और विपक्ष सवाल उठाने में जुटा है
निखिल दुबे पर पूरी हुई इंडिया न्यूज की ‘तलाश’
टीम बदलाव 20 नवंबर को इंडिया न्यूज़ के साथ निखिल दुबे ने बतौर एग्जीक्यूटिव एडिटर अपनी नई पारी की शुरुआत
विज्ञापन का चाबुक और पत्रकारों का संकट
पुष्यमित्र अमूमन ऐसे मौके कम ही आते हैं, जब पत्रकारों के संकट के बारे में बातें होती हैं। हालांकि पत्रकारिता
वैकल्पिक मीडिया पर एक्शन का इससे बेहतर वक़्त नहीं
राकेश कायस्थ के फेसबुक वॉल से साभार लंबे समय बाद गलती से न्यूज़ चैनल ऑन कर बैठा। सबसे हाहाकारी क्राइम
शिल्पा की मुस्कान से डर कर भागेगा कैंसर
अजीत अंजुम के फेसबुक वॉल से साभार ये शिल्पा जी हैं। हम सबकी दोस्त और हम सबके अजीज राजीव कुमार
नेक, ईमानदार, मददगार और सहज इंसान बनने की प्रेरणा थे सुमित मिश्रा
अजीत अंजुम के फेसबुक वॉल से क्या सुमित , तुम ऐसे हम सबको छोड़कर चले गए ? तुम्हारा बेजान जिस्म