दयाशंकर मिश्र दूसरों से भागना-बचना फिर भी सरल है, लेकिन जब हम अपनी दृष्टि से भागना शुरू कर देते हैं,
Tag: बच्चे
इस पल का कोई मोल नहीं
अखिलेश कुमार के फेसबुक वॉल से साभार बच्चों को कहानियां सुनाने का अपना अलग ही मजा है । फिर से
पढ़ने-पढ़ाने के प्रयोग और गांधी
गांधी जी ने 1910 में दक्षिण अफ्रीका में टालस्टाय आश्रम की स्थापना की थी। यह आश्रम डरबन से 21 मील
चमकी की मार से उबर चुके बच्चों को जीवनभर सता सकता है ये बुखार
पुष्यमित्र मानसून की पहली बारिश होते ही बिहार में पिछले 20 दिनों से जारी चमकी बुखार का प्रकोप कुछ कम
पूरे समाज को हर बच्चे का खयाल रखना होगा
मृदुला शुक्ला बच्चों के साथ घटती तमाम घटनाओं में हम आसानी से किसी न किसी को दोष देकर अपनी जिम्मेदारी
कैसे करें बच्चों के मन की बात?
टीम बदलाव बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए हर माता-पिता चिंतित रहते हैं । अपने हिसाब से सब बेहतर करने
बच्चे के रिपोर्ट कार्ड से पहले अपना रिपोर्ट कार्ड बनाएं!
जूली जयश्री सावधान ! उपर वाला आपका वीडियो बना रहा है। आज कल सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से
कुपोषित बच्चों से सशक्त राष्ट्र का सपना कैसे होगा पूरा?
बदलाव प्रतिनिधि, पटना भारत युवा आबादी के मामले में अग्रणी देशों की कतार में आता है। यहाँ 44 करोड़ से
गुसलखाने की चीखें गगन तक पीछा करेंगी ‘पापा’
धीरेंद्र पुंडीर “हर बार जब भी मेरा बेटा अपनी मां के लिए रोता है, मैं सहन नहीं कर पाता हूं। और मैं उसके बिना अकेला महसूस करता हूं।
अपना ‘रोशन’ क्या किसी ‘बाज बहादुर’ से कम है ?
सच्चिदानंद जोशी कुछ दिन पहले मांडू जाना हुआ। यात्रा के अंतिम पड़ाव में हम प्रसिद्द दिल्ली दरवाजे पर रुके, क्योंकि