अनिल तिवारी अनिल तिवारी के रंग अनुभवों की ये सीरीज बदलाव पर बीच-बीच में बाधित होती रही है। निजी व्यस्तताओं
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18 साल की उम्र में ‘बजाया राजा का बाजा’
अनिल तिवारी वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल तिवारी की ये सीरीज फेसबुक पर आ रही है और उसे देर-सवेर हम भी बदलाव
रंगकर्म की दुनिया, निजी ज़िंदगी और स्त्री पात्र
अनिल तिवारी वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल तिवारी अपने रंगकर्म के 50 बरस के अनुभवों को फेसबुक पर साझा कर रहे हैं।
लड़की खोजो अभियान में दर-दर भटका रंगकर्मी
अनिल तिवारी छोटे शहरों में नाटकों के लिये महिला कलाकारों की हरदम कमी रही है। इस भीषण कमी का सामना
प्रभात गांगुली ने क्यों छोड़ा ग्वालियर, ये किस्सा फिर कभी
अनिल तिवारी बीआईसी के मुख्य नाट्य निर्देशक थे सत्य पाल सोलंकी और श्री के सी वर्मा। सोलंकीजी एक नाट्य संस्था
वीरान बिड़ला नगर में बिखरी ‘बुद्धू’ की कुछ यादें
अनिल तिवारी ग्वालियर के बिड़ला नगर में दिन बीत रहे थे। दादागीरी के साथ मेरी जिन्दगी में रंगमंच की अहमियत
3 घंटे और 2 इंटरवल वाले नाटकों का दौर
अनिल तिवारी मेरे कुछ मित्रों ने एपीसोड 8 के बाद पूछा कि बीआईसी किस तरह के नाटक किया करती थी?
फाइव स्टार सुविधाओं वाला शुरुआती रंगकर्म
अनिल तिवारी 1968 में 15 बर्ष की उम्र में ‘टी पार्टी’ नाटक में अभिनय करने के पश्चात मील एरिया में
‘टी पार्टी’ से बन ही गये हम नचकैया
अनिल तिवारी 1968 में जब मेरी उम्र मात्र 15 वर्ष की थी तब तक मैं स्कूल के शिक्षकों के लिये
जब मम्मी-पापा ने कर दिया घर-बदर
अनिल तिवारी अब थोड़ा घर की तरफ रुख करते हैं। इन सारी गतिविधियों से घरवाले बहुत तंग आ गये थे।