ललित सिंह जब- जब समाज में हिंसा, दर्प और
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शब्दों की हिंसा फैलाने वालों से भी ‘संवाद’ करना होगा
प्रवीण कुमार लगातार बातों, गरमा-गरम बहसों के दौर मेंसबसे खतरनाक है, सब कुछ सुनकर भी चुप रह जाना ठोस अनुभवों
गांधी की बुनियादी शिक्षा और बदलाव की मुहिम
बदलाव प्रतिनिधि, मुजफ्फरपुर महात्मा गांधी ने 1910 में दक्षिण अफ्रीका में टाल्सटाय आश्रम में जिस तरह की शिक्षा की शुरुआत
औद्योगीकरण के आगे साम्यवाद का टूटा सपना !
गांधी और व्यावहारिक अराजकवाद भाग-2 औद्योगिक क्रांति के बाद यूरोप में मजदूर वर्ग की स्थिति को सुधारने के जो प्रारम्भिक
नोएडा के गांव वाजिदपुर में 29 को ‘नई तालीम’ पर होगी बात
बदलाव प्रतिनिधि ‘ढाई आखर फाउंडेशन’, ‘अंडर द ट्री’ और ‘बदलाव’ की पहल पर बच्चे, महिलाएं और गांधी की ‘नई तालीम’
आदमी का डर खत्म हो तो समझो देश आज़ाद है- गांधी
पीयूष बबेले ‘गांधीजी’ शब्द मैंने पहली बार कब सुना, यह बता पाना नामुमकिन है. जैसे कि और भी बहुत सी
अहिंसा धर्म अत्यंत कठिन है- गांधी
पुष्यमित्र के फेसबुक वॉल से साभार आज गांधी जी की पुण्यतिथि है। यह हम सब जानते हैं कि गांधी की
गांधी तो अब मर रहे हैं आहिस्ता-आहिस्ता
पशुपति शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार आज बापू की शहादत का दिन है। किसी सिरफिरे ने उन्हें गोली मार
देश के गांधी अड्डों की सूरत बदलनी चाहिए
संदीप नाईक एक ही है सेवाग्राम देश में, एक है कस्तूरबाग्राम इंदौर में और फिर देशभर में फैले हैं –
सेवाग्राम का सबक- स्वच्छता, प्रार्थना और स्वावलंबन
संदीप नाईक बहुत सारी खराब बातों के बावजूद बहुत सारी अच्छी बातें सेवाग्राम के आश्रम में मौजूद हैं, इनमें से