मुजफ्फरपुर/बदलाव प्रतिनिधि।
सत्यम का जन्म दिन विजयादशमी को पडता है। उसका अपना जन्मदिन मनाने का तरीका बड़ा ही अनूठा है।इस दिन वह एक नहीं काटता, मुखों को बढ़िया भोजन कराता है।इस दशहरा में भी सत्यम ने ऐसे ही अंदाज में अपना जन्मदिन मनाया। मूल रूप से समस्तीपुर निवासी सत्यम मुजफ्फरपुरं में डीएवी स्कूल का विद्यार्थी है।इस बार भी सत्यम ने अपने जन्मदिन पर केक काटने के बजाय कुछ अलग काम किया। उसने अपने छोटे भाई उत्सव के साथ सड़क पर भटक रहे भूखों एवं अस्पताल में भर्ती लावारिस को पुआ, पकवान व मिष्ठान खिलाया। इसका कहना है कि इससे उसे काफी सुकून मिलता है। भूखे को भोजन कराना सबसे उत्तम कार्य है। एक बार अस्पताल में पहुंचा तो लावारिस वार्ड में भर्ती मरीजों को देखा और सोचा कि भगवान किसी को ऐसा सजा क्यों देते हैं? सबका परिवार होता है, फिर भी ये कैसे लावारिस हो गए? इस तरह असहाय हालत में जीवन काट रहे हैं! हालांकि एसकेएमसीएच की यह बेहतर पहल है, जो लावारिस की देखरेख कर रहा है। ऐसे और असहाय लाचार लोगों की मदद सबको करनी चाहिए। यही मानवता का परिचय है। इसी के उद्देश्य से वह अक्सर सड़क पर भी असहाय को भोजन करता है। सत्यम का जन्मदिन दशहरा के दिन पड़ता है। इसलिए इस दशहरा के अवसर पर उसने अधिक से अधिक लोगों को भोजन एवं वस्त्र उपलब्ध कराया ।