जब उमड़े ज्वार सवालों के
जब शब्दों में कहना हो मुश्किल
जब कहना चाहो, अंदर का सब
जब लगे कौन समझेगा, ये सब
जब उलझन खुद ही, उलझी खुद में
जब गिरह के बल हों, खुलना मुश्किल
तो बस रहने दो, सब कुछ वैसा ही
ना कह के भी, सब कहना भी
अर्चना रीत। टीवी एंकर। एएनडी कॉलेज कानपुर से उच्च शिक्षा। लखनऊ यूनिवर्सिटी से मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई की। फिलहाल नोएडा में निवास।