टीम बदलाव
लखनऊ में साहित्यकारों का जमघट लगने वाला है, जिसमें अवध के साहित्य, स्वाद और संगीत का संगम देखने को मिलेगा । लखनऊ में पहली बार कोशल लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन 4 नवंबर से 6 नवंबर के बीच होगा। तीन दिन तक चलने वाले कोशल लिटरेचर फेस्टिवलल में जाने माने साहित्यकारों के साथ नई प्रतिभाओं को भी मंच मिलेगा.
अलग अलग सत्र में नई पुस्तकों का विमोचन होगा तो वहीं साहित्यिक परिचर्चा भी होगी। कविता पाठ, कहानी कथन के साथ साथ अवध के व्यंजनों की समृद्ध विरासत का स्वाद भी लोगों को आकर्षिक करेगा.
संगीत नाटक अकादमी में होने वाले पहले कोशल लिटरेचर फेस्टिवल के पीछे जाने माने बैंकर और लेखक प्रशांत कुमार सिंह की सोच है । अवध क्षेत्र के साहित्य, कला, संस्कृति और खान-पान को बढ़ावा देने की सोच को अमलीजामा पहनाने में प्रशांत के साथ लेखक शरद बिंडाल का बड़ा योगदान है।
शरद और प्रशांत की इस सोच को मूर्त रूप तक पहुंचाने में पुष्पेश पंथ जैसे दिग्गज और वाणी पाउंडेशन की अदिति माहेश्वरी के साथ कई लोगों ने अहम भूमिका निभाई है.
प्रशांत कुमार सिंह और उनकी पूरी टीम के लिए ये पहला फेस्टिवल जरूर है लेकिन हर सत्र में जिस तरह साहित्य, कला के क्षेत्र से जुड़ी हस्तियों को आमंत्रित किया गया है उससे साफ है कि ये आयोजन जितना भव्य होगा उतना ही सारगर्भित भी रहेगा.
इस पहले कोशल लिटरेचर फेस्टिवल में लोक संगीत को नये मुकाम तक पहुंचाने वाली गायिका मालिनी अवस्थी के साथ ही जाने माने फिल्म मेकर मुजफ्फरअली भी मौजूद रहेंगे.
सागरिका घोष जैसी पत्रकारिता जगत से जुड़ी दिग्गज हस्तियों के साथ ही वायुसेना की उड़नपरी तूलिका रानी और वरिष्ठ पत्रकार रोहित गांधी मौजूदा दौर की चुनौतियों को साझा करेंगे.
युवा और प्रतिभावान कवि, कहानीकार और संगीतकारों का ये मेला दर्शकों को जरूर आकर्षित करेगा. अवध क्षेत्र में इस तरह का ये पहला आयोजन हो रहा है ऐसे में आप सभी इसका हिस्सा जरूर बने.
प्रशांत कुमार ने टीम बदलाव से बात करते हुए बताया कि आने वाले दिनों में कोशल लिटरेचर फेस्टिवल के आयोजन वाराणसी, गोरखपुर जैसे यूपी के सांस्कृतिक विरासत समेटने वाले शहरों में भी किया जाएगा. ज्यादा जानकारी के लिए आप इस लिंक को ओपन करें. koshalaliteraturefestival.com