राकेश कायस्थ अक्टूबर 2015 की बात है। बिहार के चुनावी तमाशे के बीच अचानक एक एमएमएस सामने आया। औघड़ सरीखे
Category: मेरा गांव, मेरा देश
बिहार में महागठबंधन टूटने पर किसने क्या कहा ?
भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई में जुड़ने के लिए नीतीश कुमार जी को बहुत-बहुत बधाई। सवा सौ करोड़ नागरिक ईमानदारी का
अल्लाह के नेक बंदों ने बचा ली एक ज़िंदगी
साजिद अशरफ फेसबुक पोस्ट, मध्यरात्रि 27 जुलाई 2017। अभी-अभी नोएडा गौतमबुद्ध चौक के पास इस शख्स का एक्सिडेंट हुआ है।
समाज को खुला ‘चैलेंज’ अंडर माय बुर्का…
स्वाती बीते दिनों ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ देखी। जब देखने जा रही थी यह फिल्म और जब लौट रही थी
स्त्री सृजन के ‘आयाम’ का दूसरा साल
इति माधवी “सुलगते चूल्हे पर स्त्री जब रांधती है भात बटलोही के अदहन से पकते चावल की खदबदाहट हर स्त्री
जल का फिक्स्ड डिपॉजिट जल्दी मत तोड़िए
निराला फेसबुक, 19 जुलाई। हमारे देश में एक तरह की जलवायु नहीं है। मौसम बदलते रहते हैं। बारिश कहीं ज्यादा तो
किसान आंदोलन के तरीके नहीं वजहों की फिक्र कीजिए जनाब
आशुतोष शर्मा देश के कई राज्यों में किसानों का आंदोलन चल रहा है। किसानों का दावा है कि उन्हें उपज
मीडिया, बच्चे और असहिष्णुता पर ओरछा में होंगी बातें
बदलाव प्रतिनिधि मीडिया के साथियों के साथ बैठकर कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर नया जानने, आपसी समझ बनाने, एक—दूसरे के विचारों को समझने, अपने
‘सुन्नर नैका’-तटबंधों को तोड़ती एक प्रेम कथा
पशुपति शर्मा सुन्नर नैका। कोसी मइया की धाराओं और उसके प्रवाह की तरह कई तरह की अनिश्चितताओं और आवेग के साथ
दोहरा के नशे के ख़िलाफ़ एक बड़ी जीत
बदलाव प्रतिनिधि, जौनपुर अगर कुछ करने का जुनून और जज्बा हो तो आपको मंजिल तक पहुंचने से दुनिया की कोई