सत्येंद्र कुमार तेरे शहर से तो कहीं अच्छा है मेरा गांव। चमक रहा है, दमक रहा है, महक रहा
Category: मेरा गांव, मेरा देश
बिहार में किसकी बयार ?
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण की वोटिंग का काउंटडाउन शुरू हो चुका है । सियासी दल चुनाव प्रचार
कोची-कोची का इलाज करेंगे डागडर बाबू, पूरा बिहारे बीमार है
पुष्यमित्र इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) के विशाल गलियारे के डिवाइडर पर बैठे मिले 83 साल के जमील अहमद। जमील सुपौल
‘स्मार्ट मोबाइल’ जैसे ‘स्मार्ट विलेज’, जुमले हैं… जुमलों का क्या?
दिवाकर मुक्तिबोध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही में अमेरिका के दौरान भारत के डिजिटल भविष्य पर लंबी चौड़ी बातें
बांदा के बंदों की सेहत का ‘रखवाला’ कौन?
आशीष सागर दीक्षित बेदम सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं से कराह रहा है बुंदेलखंड का पूरा क्षेत्र। बिना फार्मेसिस्ट के चल रहे मेडिकल
कोसी की बोलती तस्वीरों का चितेरा-अजय
सत्येंद्र कुमार बिहार के फारबिसगंज विधानसभा सीट से 1972 में फणीश्वर नाथ रेणु ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा
गांव के खुराफातियों का बहाना क्यों मंत्रीजी?
हरि अग्रहरि 23 और 24 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने की एक योजना ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ पर
20 सालों से तीन पोल पर अटका पुल
कुबेरनाथ पोल वाला पुल… ये पुल तो महज तीन पोल से बना है… नीचे से गहरी नदी गुजरती है… बीच
रवीश, सोशल मीडिया के ‘बायकॉट की पॉलिटिक्स’ क्या है?
धीरेंद्र पुंडीर “आप मेरी नहीं अपनी चिंता करे क्योंकि अब बारी आपकी है। आप सरकारों का हिसाब कीजिए कि आपके
जब राइन से मिलने जर्मनी पहुंची गंगा!
सत्येंद्र कुमार गंगा को हम सब मां, जीवनदायिनी, मोक्षदायिनी और कई नामों से पुकारते हैं। गंगा जल के बिना हिंदुओं