महाकवि आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री का जन्म जनवरी 1916 में हुआ था। निधन 2011 में हुआ। इस तरह देखा जाए
Category: आईना
एक महाकवि को कुत्तों से इस तरह हो गया इश्क
एम अखलाक यूं तो आपने महाकवि आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री को गोद में कुत्तों को खेलते-खिलाते कई बार देखा होगा। लेकिन, बहुत कम लोगों को यह मालूम होगा कि उन्हें कुत्तों से प्रेम
वाकई… तुम हो बेहद हसीं
गायक येसुदास को पद्म विभूषण सम्मान से नवाजा गया है। उनके मुरीद प्रसन्न हैं। ऐसे ही एक मुरीद देवांशु झा
‘बेबस और लाचार लोगों की आवाज़ है रेडियो कोसी’
दीपक कुमार युवा लेखक पुष्यमित्र का नया उपन्यास ‘रेडियो कोसी’ लगभग भूल चुके त्रासदी को उजागर करता है। लेखक ने
अखाड़ेबाज शब्द
उमेश जोशी अखाड़ेबाज़ शब्द आसपास मंडराते हैं ये हर पल रिश्तों की नींव हिलाते हैं ख्वाबों की चादर ओढ़ कर
हर सवाल को सलाम है!
पशुपति शर्मा बर्फ़ीली वादियों में तुम्हारा रक्त भी तो जम जाना था वो जम न सका तो कसूर तुम्हारा है
भीड़ हो तब भी डरो, भीड़ न हो तब भी डरो
भारती द्विवेदी बेंगलुरु की दोनों घटनाएं किसी भी संवेदनशील इंसान को हिला कर रख देती है। अब दिल्ली की घटना
प्रेरणा का संचार करती एक सार्थक फिल्म है दंगल
पवित्र श्रीवास्तव अपनी दोनों बेटियों टीशा और तनीशा के साथ दंगल फिल्म देखी। मजा आ गया। आमीर खान और उनकी
पटना साहिब की ‘दिलेर’ गाथा
पुष्यमित्र तख़्त हरमंदिर साहब के पीछे स्थित सेवादारों के क़्वार्टरों में इनदिनों बड़ी चहल पहल है। यह सरगर्मी उस खबर
बहती हुई नदी थे अनुपम जी
राकेश कायस्थ अनुपम जी को मैं बहुत अच्छी तरह जानता था। लेकिन कभी मुलाकात नहीं हुई। एक दिन अचानक उनके