ब्रह्मानंद ठाकुर बिहार के मुजफ्फरपुर का मझौलिया गांव कभी हथकरघा उद्योग के लिए जाना जाता था। आज यहां काफी कुछ बदल
Category: बिहार/झारखंड
गांधीवाद ही है आखिरी विकल्प- सच्चिदानंद सिन्हा
ब्रह्मानंद ठाकुर पूरी दुनिया आज बाजार बन गयी है। पूंजीवाद ने पूरी दुनिया को बारूद की ढेर पर लाकर खड़ा
चंपारण के 100 साल, आज तो कर लो गांधी को याद
ब्रह्मानंद ठाकुर मौसम भी है और मौका भी। इसमें जो चूक गया, वह पछताएगा। भले ही गांधी की हत्या किसी
जानिए मशरूम की खेती का आसान तरीका
ब्रह्मानंद ठाकुर हमारे देश का अन्नदाता बदहाल है, लेकिन सरकारें खुशहाल । कोई किसानों की कर्जमाफी का वादा करता है
बदलाव के पहले अतिथि संपादक ब्रह्मानंद ठाकुर
ब्रह्मानंद ठाकुर का जन्म बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में जनवरी 1952 में निम्न मध्यम वर्ग परिवार में हुआ । पढ़ने के
पूर्णिया के रुपौली में डायन बता कर मार डाला!
पुष्यमित्र मैं यह शब्द इस्तेमाल नहीं करना चाहता था, मगर मजबूरी में करना पड़ा कि हमारे गंवाई समाज की जहालत
विकास की अंधी दौड़ में बिगड़ रहा गांव का ताना-बाना
ब्रह्मानंद ठाकुर हमारा गांव अब पूरी तरह से वैश्विक बाजार के हवाले हो गया है। खाने-खाने-पीने की चीजों से लेकर
मैले-पुराने कपड़ों के सहारे बिहार के 83 फीसदी महिलाओं की माहवारी
पुष्यमित्र मधुबनी जिले की एक महिला पेट दर्द से काफी परेशान थी. स्थानीय डॉक्टरों से दिखाया तो बताया गया कि
कहीं दर्जनों फ्लाईओवर, कहीं एक अदद पुल की जंग
पुष्यमित्र फरकिया के ढेंगराहा पुल की लड़ाई अभी शुरू हुई है। हो सकता है इन्हें जल्द सफलता मिल जाये, हो
गंगा के दियारे में अफीम की खेती का सच क्या है?
मोहन मंगलम कुछ साल पहले राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की टीम ने गंगा दियारे का दौरा कर दियारे की