वीरेन नन्दा किस्सागोई के के तीसरे अंक में आपने पढ़ा किस तरह कवि- कहानीकार दोस्तों ने शहर के एक मशहूर
Category: बिहार/झारखंड
छपरा की बेटी का दर्द … ओ री चिड़ैया
अनीश कुमार सिंह मैं बिहार के छपरा की बेटी हूं। मेरा दम घुट रहा है। एक-एक सांस मुझ पर भारी
घोंचू उवाच- जैसी बहे बयार ,पीठ तब तैसी दीजिए
ब्रह्मानंद ठाकुर घोंचू भाई खेती – पथारी का काम निबटा कर शाम होते ही मनकचोटन भाई के दरबाजे पर जुम
हिन्दू कहें मोहि राम पियारा, तुर्क कहें रहमाना… रे कबीरा, न बदला जमाना
श्वेता जया पांडे अगर आप कबीर को एक महान शख्सियत बताते हैं और उनकी महान ज़िंदगी से कुछ सीखने की
‘द्रव्य’ दुकान और मोहल्ले की अटूट दोस्ती
वीरेन नंदा किस्सागोई के पहले अंक में आपने पढ़ा पति-पत्नी के बीच की मीठी नोकझोंक जिसमें प्यार भी रहता है
हमारे दिलों का कोना-कोना नाप चुके हैं सागर बाबा
सुबोध कांत सिंह बात तक की है जब मैं चौथी कक्षा में पढ़ता था। स्कूल में गर्मी की छुट्टी पड़ी
‘अवसरवाद’ के सियासी समर में ‘सुशासनबाबू’ का चक्रव्यूह
पुष्य मित्र हाल में हुए उपचुनाव में बीजेपी की हार और विपक्षी दलों के उम्मीदवारों की जीत से बिहार अछूता
बच्चों के चेहरों पर देखे हमने पुस्तकों के ‘मंजर’
टीम बदलाव पुस्तकों के बीच बच्चे और अभिभावक। पके हुए आमों को देखकर जो सुख होता है, उससे कहीं ज्यादा
हुकूमदेव नारायण यादव के गोद लिए गांव दामोदरपुर का हाल
जूली जयश्री टीम बदलाव ने मई महीने में आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए गांवों की स्टोरी पर फोकस करने
बिहार के नव-उदय की स्ट्रेटजी बनी, असर भी दिखेगा
बदलाव प्रतिनिधि, पटना 8-9 वर्ष पूर्व पूर्णिया की एक दुकान पर बैठे-बैठे कुछ युवाओं ने बेहद अनौपचारिक सी मुलाकात