सामाजिक सरोकारों पर अर्थतंत्र कब हावी हो गया, ये कोई समझ ही नहीं पाया। समाज में आपकी पहचान अब आपके
Category: बिहार/झारखंड
गांधी और अराजकवादियों का वैचारिक द्वंद्व
इस शृंखला के अन्तर्गत आप अभी तक अराजकवाद से सम्बंधित विभिन्न दार्शनिकों के विचारों से अवगत हो चुके हैं ।
आदमी का डर खत्म हो तो समझो देश आज़ाद है- गांधी
पीयूष बबेले ‘गांधीजी’ शब्द मैंने पहली बार कब सुना, यह बता पाना नामुमकिन है. जैसे कि और भी बहुत सी
राष्ट्रकवि दिनकर की जयंती पर 23 को मुजफ्फरपुर में विशेष कार्यक्रम
बदलाव प्रतिनिधि, मुजफ्फरपुर राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 111वीं जयंती के अवसर पर 23 सितम्बर को मुजफ्फरपुर में लंगट सिंह
कोसी में जल प्रलय के 11 बरस और डरे-सहमे लोग
पुष्यमित्र इन दिनों 2008 की कोसी बाढ़ के इलाके में घूम रहा हूं। यह इलाका नेपाल से सटा है और
हक लिए आपको लड़ना ही होगा
पुष्यमित्र पारिवारिक वजहों से लगभग आधा अगस्त महीना सहरसा आते-जाते गुजरा। इस दौरान मैने महसूस किया कि सड़क मार्ग से
चित्रा, कुछ तो लोग कहेंगे…
आनंद बक्षी साहब इस देश को गजब समझते थे तभी लिखा था ‘कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है
बिहार में बाढ़ के बीच ‘देवदूतों’ ने ली चमकी प्रभावित परिवारों की सुध
आनंद दत्ता दस जुलाई से जो हमने चमकी बुखार के पीड़ित बच्चों का सर्वेक्षण शुरू किया था, उसका पहला चरण
‘मिशन चमकी’ पार्ट-2 के लिए साथी हाथ बढ़ाना
पुष्य मित्र अब वक्त आ गया है जब हम मिशन चमकी पार्ट-2 का आगाज करें । हम इस साल बीमार
चमकी बुखार के खिलाफ जंग में शामिल साथियों के सुझाव की जरूरत
पुष्यमित्र हमारा अभियान लगभग खत्म हो गया है, हालांकि एक टीम लगभग डटी है। आज हिसाब करने सत्यम और सोमू