वरिष्ठ पत्रकार राजेश प्रियदर्शी के फेसबुक वॉल से साभार मुझ जैसे अनेक पत्रकारों के mentor या दोस्ताना उस्ताद एसपी की
Category: मेरा गांव, मेरा देश
कोरोना नहीं हमारा सिस्टम है पत्रकार चंद्रशेखर की मौत का जिम्मेदार !
एक गरीब परिवार का लड़का कुछ सपने लेकर गांव से शहर की गलियों में आया था । पत्रकार बनकर समाज
रुला दिया यार तूने चंद्रशेखर
निशांत नंदन के फेसबुक वॉल से साभार हैलो… क्या हाल है ठीक ही है सर चल रहा है सब…क्या हुआ
चंद्रशेखर और हुमा की मौत अब हमारे लिए कोरोना का सिर्फ नंबर नहीं
प्रभाकर मिश्रा के फेसबुक वॉल से साभार आज मन बहुत उदास है। बहुत डर लग रहा है। पहले खबर आ
पिता का ‘जज बेटा’ क्यों बन गया पत्रकार ?
वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश के फेसबुक वॉल से साभार सुबह-सुबह आज ‘बाबू’ की याद आई ! मां-पिता के गये वर्षों गुजर
हैप्पी फादर्स डे पापा!
पशुपति शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार मेरे पापा। हर बेटे की तरह मेरा भी दावा है सबसे अलहदा हैं
आत्मनिर्भर बनाना है तो हुनर को पहचानना होगा
पुष्यमित्र के फेसबुक वॉल से साभारइस किसान ने अपनी टूटी सायकिल में स्कूटी का टायर जोड़ कर इसे मोबाइल पम्पसेट
“सर… मेरी बात पहले सुन लीजिए, तब कुछ कहिएगा”
लॉक डॉउन के शुरुआती दिनों से ही मैं विभिन्न संचार माध्यमों से देश के अलग अलग हिस्सों में रह रहे
अन्नदाता से न्यूनतम समर्थन मूल्य का अधिकतम सरकारी छलावा
पुष्यमित्र बारिश से गीली हुई सुबह में जब टहलने निकला तो एक मैदान में मक्के यह ढेर पड़ा मिला। साफ
गर्जना ही तुम्हारी ताक़त है
सुनील श्रीवास्तव रास्ते के पत्थरों को वह मारता है बहुत ताकत से। प्रतिदिन सुबह और शाम जैसे किसी के गुनाह