डा. सुधांशु कुमार आज सवेरे-सवेरे श्रीमती जी ने एक प्रश्न प्रक्षेपित कर दिया -‘सुना है शिक्षक दिवस के दिन आप
Category: सुन हो सरकार
सत्ताधारियों का अर्बन नक्सल का नया मुहावरा
पुष्यमित्र यह सच है कि बड़े शहरों में माओवादियों के सिम्पेथाइजर रहते हैं। ये दो तरह के होते हैं। पहले
डेढ़ लाख लाशों के क़ातिल देख के मत चलो
शंभु झा ए भाई, देख के मत चलो…आगे भी सड़क तुम्हारे बाप की है, पीछे भी तुम्हारे पप्पा की है। बाएं-दाएं
सरकार की मजबूती की कीमत लोकतंत्र चुकाता है !
राकेश कायस्थ सत्तर साल के भारत को देखें तो लोकतंत्र के लिहाज से आपको कौन सा दौर सबसे सुनहरा नज़र
मनरेगा- कमाए लंगोटीवाला और खाए धोतीवाला
ब्रह्मानंद ठाकुर घोंचू भाई आय सुबहे से घर से गायब थे। मैंने कई बार उनके ओसारे मे बिछी चउकी पर
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में कब और कहां चूक हुई?
वीरेन नंदा मुजफ्फरपुर में “सेवा-संकल्प विकास समिति” नामक एनजीओ के तहत चलने वाली संस्था “बालिका अल्पावास गृह” में 41 बच्चियों
नारी को शरण देने वाले ही उसके शोषण का व्यूह रच रहे हैं
बदलाव प्रतिनिधि, पटना मुज्जफरपुर के बालिका गृह में घटित वीभत्स घटना को लेकर उद्देलित पटना का बौद्धिक समाज बारिश और जाम
सोशल मीडिया के ‘ब्लैकहोल’ में गुम होता युवावर्ग
डा. सुधांशु कुमार आज जिस प्रकार सोशल मीडिया पर खासकर किशोर और युवावर्ग अपनी आंखें गड़ाए रहते हैं , यह
फ़सलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में अधिकतम घपलेबाजी
ब्रह्मानंद ठाकुर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने पिछले दिनों खरीफ सीजन की फ़सलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की।
जीवन में जल का ‘समर शेष’
विक्रांत बंसल आज हम भारत के किसी भी कोने में क्यों न रह रहे हों पानी की समस्या मुंह बाएं