टीम बदलाव 20 नवंबर को इंडिया न्यूज़ के साथ निखिल दुबे ने बतौर एग्जीक्यूटिव एडिटर अपनी नई पारी की शुरुआत
Category: मेरा गांव, मेरा देश
हाइब्रिड बीज का मायाजाल और किसानों की दुर्दशा
ब्रह्मानंद ठाकुर मनकचोटन भाई के दलान पर सांझ होते ही हमेशा की तरह आज भी टोला के लोगों का जुटान होने
पशुपालन में छिपा है किसानों की खुशहाली का राज
पुष्यमित्र चार-पांच साल पहले झारखंड के एक गांव गया था । वह गांव सब्जी उत्पादन में अव्वल था । वहां
ग्रामीण भारत की बदहाली और आर्थिक विकास का लालीपॉप
शिरीष खरे भारत में ग्रामीण और शहरी अंचल के लिए निर्धनता का निर्धारण अलग-अलग तरह से होता है। एक आंकड़े
एक प्यारे सफर का प्यारा सा अंत
पशुपति शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार ”जब आप किसी संस्थान से जुड़ते हैं तो ये पता नहीं होता कि
जीवन का संघर्ष और ‘डियर जिंदगी’ का फलसफा
दयाशंकर जी के फेसबुक वॉल से साभार कभी-कभी गुस्से की छाया, निराशा, ठगे जाने के बोध के बीच हम स्वयं
गांव की आर्थिक-सामाजिक बुनावट में कितना बदलाव
शिरीष खरे गांव क्या है? अवधारणाओं में जब भी इसे ढूंढ़ने-समझने की कोशिश की तो इससे जुड़ी व्याख्याओं में मुख्य
टीस भरा बचपन
वीरेन नन्दा बचपन की यादों में लौटना केवल वही चाहते खोना बचपन के दिन ममता में जिनके बीते समता में बीते
बाजारवाद की माया से दूर छठ पर्व की छटा
पुष्य मित्र वैसे तो छठ मुख्यतः बिहार-झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला पर्व है, फिर
बिहार का स्लीपर सेल और छठ पर्व पर गरथैया
अनुशक्ति सिंह के फेसबुक वॉल से साभार कभी किसी को कहते सुना था, जहाँ न जाये रवि वहाँ जाये बिहारी.