पशुपति शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार अल्लामा इकबाल ने एक कविता लिखी थी, बच्चे की दुआ। पीलीभीत के एक
Category: मेरा गांव, मेरा देश
ज़िंदगी ‘किताब’ हो गई… चलो झांक आएं आलोक के सपनों की दुनिया
पीयूष बबेले उनके भीतर एक घड़ी है, जो लगातार काम की रफ्तार को सांसों की रफ्तार से तेज किए रहने
‘जंजीर ‘ से ‘चीनी कम’ तक खयाल आता है…
प्रवीण कुमार अमिताभ तमाम खूबियों के बीच दृढ़-संकल्प, सहज , हर मौसम में काम करने वाले इंसान के कारण अजीज
प्रतिस्पर्धा की सभ्यता ने खत्म कर दी सहयोग की भावना
ब्रह्मानंद ठाकुर जाने – माने समाजवादी चिंतक सच्चिदानन्द सिन्हा की पुस्तक ‘ गांधी और व्यावहारिक अराजकवाद ‘ की शृंखला की तीसरी
गांधी की बुनियादी शिक्षा और बदलाव की मुहिम
बदलाव प्रतिनिधि, मुजफ्फरपुर महात्मा गांधी ने 1910 में दक्षिण अफ्रीका में टाल्सटाय आश्रम में जिस तरह की शिक्षा की शुरुआत
औद्योगीकरण के आगे साम्यवाद का टूटा सपना !
गांधी और व्यावहारिक अराजकवाद भाग-2 औद्योगिक क्रांति के बाद यूरोप में मजदूर वर्ग की स्थिति को सुधारने के जो प्रारम्भिक
सजा छात्र को दी गई और दर्द गांधीजी को हुआ
सत्य के प्रयोग पार्ट -2 पहली कड़ी में आपने पढ़ा कि महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में जेल की सजा
राज व्यवस्था, जनता और गांधीवाद
सच्चिदानन्द सिन्हा प्रख्यात समाजवादी चिंतक हैं। इस वर्ष वे अपनी जिंदगी के 90 वां वर्ष पूरा कर 91 वां वर्ष
नोएडा के गांव वाजिदपुर में 29 को ‘नई तालीम’ पर होगी बात
बदलाव प्रतिनिधि ‘ढाई आखर फाउंडेशन’, ‘अंडर द ट्री’ और ‘बदलाव’ की पहल पर बच्चे, महिलाएं और गांधी की ‘नई तालीम’
पढ़ने-पढ़ाने के प्रयोग और गांधी
गांधी जी ने 1910 में दक्षिण अफ्रीका में टालस्टाय आश्रम की स्थापना की थी। यह आश्रम डरबन से 21 मील