दिवाकर मुक्तिबोध राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्श गांव का सपना कब साकार होगा ये ना तो हमारी सरकारें बता पा
Category: मेरा गांव, मेरा देश
गांवों में ‘खाट की लूट’ का महंगाई कनेक्शन
नरेंद्र अनिकेत कुछ साल पहले देश में एक सरकार हुआ करती थी। अब वह सरकार इतिहास में समा गई है।
नया पमरिया के दस ढोलकिया
एम अखलाक बिहार के हर अंचल की अपनी खास सांस्कृतिक विशेषता रही है। बात चाहे लोक कलाओं की हो, खान-पान
समाजवादी संग्राम की ‘अमर’ कथा
अरुण प्रकाश यूपी में मुलायम परिवार में पांच दिन तक चले समाजवादी संग्राम फिलहाल विराम लग गया है। पार्टी सुप्रीमो
सहरसा के आरण गांव में नाचे मन ‘मोर’
पुष्य मित्र आपके घर के बाहर अगर मोर नज़र आ जाए तो बरबस ही मन नाच उठेगा और बचपन की
हिंदी दिवस पर ऑस्ट्रेलिया से मैसेज आया है
सत्येंद्र कुमार यादव हिंदी दिवस पर देश में हिंदी की खूब चर्चा होती है लेकिन 14 सितंबर बीतते ही सब
बिहार में बाढ़ की ‘बांधलीला’
पुष्य मित्र बिहार में हर साल बाढ़ कहर बनकर टूटती है । लाखों लोग बेघर होते हैं और हजारों करोड़
स्वच्छता के लिए 30 किलोमीटर लंबी मानव शृंखला
अविनाश उज्ज्वल नीयत साफ हो और इरादा मजबूत तो हर काम आसान लगने लगता है । कुछ ऐसे ही हौसले
विकास की आड़ में ‘विनाश’ का मीठा ज़हर घुल रहा है ?
एम अखलाक ”भारत का पूंजीवादी विकास मॉडल शोषण पर आधारित है। इससे समाज का एकतरफा विकास हो रहा है, जबकि
बलिहारी गुरु आपनो, जीवन दियो सिखाय
दीपक कुमार जीवन में गुरु की महत्ता से कोई भी इंकार नहीं कर सकता है। आज के आधुनिक दौर में