वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी की पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पर लिखी पुस्तक- ‘हार नहीं मानूंगा’ का लोकार्पण 3 जनवरी
Category: आईना
सावन की एक शाम, वाजपेयी के नाम
तीन अगस्त 2016, शाम छह बजे। कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में विजय त्रिवेदी की अटल बिहारी वाजपेयी पर लिखी जीवनी ‘हार नहीं
आधे-अधूरे का यथार्थवाद और जयंत देशमुख का सेट
संगम पांडेय जयंत देशमुख सिनेमा के जाने-माने सेट डिजाइनर हैं। उनका यह हुनर एमपीएसडी के छात्रों के लिए निर्देशित नाटक
आतंकी और बहादुर बच्चा
राजेश मेहरा राजू घर में खेल रहा था तभी उसके पापा ऑफिस से आये और बोले बेटा टीवी चलाओ जरा।
दलित होने का दर्द… छात्र से प्रोफेसर बनने तलक
रविकांत चंदन हाल में बिहार शिक्षा (माध्यमिक) बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के नतीजे सुर्खियों में रहे हैं। पहले जिन
कान्हा करेगा ‘सुदीप’ तेरा इंतज़ार, हो सके तो आना ज़रूर
राकेश कुमार मालवीय उफ ! वक्त तुम कितने बुजदिल हो। दो साल पहले सुदीप पत्रकारिता में एक नई जगह पर
शौचालय, औरतें और सबक 5 रूपये वाला
संध्या कश्यप दुनिया से जीती, जीती खुद से हारी …बस ध्वस्त खड़ी हूँ मैं …!!! स्वानंद किरकिरे की ये पंक्तिया
सत्ता और ताक़त के लिए देह का सौदा क्यों?
पिछले कुछ दिनों से फेसबुक पर स्त्री विमर्श पर कई टिप्पणियां देखीं। जेएनयू की रिसर्च स्कॉलर रहीं सुदीप्ति ने इस
मैडम, बदतमीजी… अगर लगी तो सॉरी
राकेश कुमार मालवीय उस लड़की के जोर से चिल्लाने से मेरी नींद खुली। वह अपनी बर्थ से उठकर दौड़ती ट्रेन
रायपुर में ‘मोचीराम’ की चीख और चुप्पी
टीम बदलाव “बाबूजी सच कहूं, मेरी निगाह में न कोई छोटा है न कोई बड़ा, मेरे लिए हर आदमी एक