पुष्यमित्र के फेसबुक वॉल से
मन बैंक वालों की वजह से भन्ना गया है। दो ऐसे अनुभव हुए हैं कि समझ नहीं आता, सरकारी बैंक वालों के कामकाज की कोई निगरानी भी होती है या नहीं। अब सुनिये-
1. 25 अगस्त को यूको बैंक की एक शाखा में मैंने एक चेक जमा कराया था. चेक एक ऐसे बैंक का था, जिसकी शाखाएं सिर्फ मुंबई और दिल्ली में ही है. बैंक के जिस कर्मी को मैंने चेक थमाया उसने कहा कि यह क्लीयरेंस से क्लीयर नहीं होगा. पोस्ट से मुंबई भेजना पड़ेगा. कम से कम एक हफ्ते लगेंगे और वहां से चेक लौटा तो आपको फाइन लगेगा. मैंने इसरार किया कि आजकल तो चेक का स्कैन भेजने से भी चेक क्लीयर हो जाता है. तो महोदय कहने लगे कि इस बैंक का कोई ब्रांच पटना में नहीं है. बहरहाल, मैंने कहा भेज दीजिये. शाम में मैंने फोन किया तो उन्होंने कंफर्म किया कि चेक भेज दिया है. जब इस बात के दस दिन बीत गये और चेक क्लीयर होकर नहीं आया तो मैं फिर ब्रांच में गया.
वहां उक्त सज्जन नहीं थे. चार सज्जन बैठकर कुछ बतिया रहे थे. कहा गया कि लिंक फेल है. मैंने अपने चेक के बारे में पूछा तो एक कर्मी ने चपरासी से कहा, ओबीसी बला किताब लाओ रे… किताब आयी. उसमें मेरे चेक का विवरण नहीं था. फिर उन्होंने कहा, अरे, क्लीयरेंस बला किताब लाओ रे. वह किताब भी आयी. उसमें भी मेरे चेक का विवरण नहीं था. फिर कहा, रिटर्न चेक बला फाइल लाओ. उसके चेक को देखा गया. वहां भी मेरा चेक नहीं था.
फिर साहब के मन में क्या आया कि वे बोले, अरे जरा ड्रॉप बॉक्स चेक करो. ड्रॉप बॉक्स चेक किया तो उसमें मेरा चेक पड़ा हुआ था. अब बताइये 25 अगस्त को मैंने चेक एक कर्मी को दिया और 4 सितंबर को वह चेक ड्राप बॉक्स में मिला. और मैं इंतजार कर रहा था कि चेक अब क्लीयर होकर आयेगा, तब आयेगा.
बहरहाल, मैंने थोड़ा सा बवाल किया. मैंनेजर बाहर आयी. उन्होंने सॉरी कहा. फिर उन्होंने अपने क्लीयरिंग सेल में फोन किया. पता चला कि स्कैन करके भेजने से कल तक चेक क्लीयर हो जायेगा. अब मेरे अकाउंट के अनक्लियर बायलेंस में अमाउंट का डीटेल आ गया. फिर उनका फोन आया कि अगर बाउंस नहीं हुआ तो पैसा आपके अकाउंट में होगा. अब समझिये, क्या कहा जाये…
2. दूसरा मामला पापा का है. पेंशन रिवीजन के लिए एजी ऑफिस से एक लेटर मई में पूर्णिया गया. ट्रेजरी से उस लेटर को दबाव डाल कर एसबीआई भेजा गया. एसबीआई ने अपने मेन ब्रांच भेजा. मेन ब्रांच ने फिर ब्रांच भेजा और 11 जुलाई को धमदाहा ब्रांच ने पापा से कहा कि लेटर पटना पेंशन ब्रांच भेज दिया गया है. वहां से आते ही आपका पेंशन रिवाइज हो जायेगा. पापा इंतजार करते रहे. फिर उन्होंने डीटेल मुझे भेजा कि मैं पता करूं. जब मैं एसबीआई के पेंशन ब्रांच में गया तो बताया गया कि धमदाहा ब्रांच से उनके पास इस दौरान कोई लेटर नहीं भेजा गया है. अब आप सोचिये, एक पेंशनर जुलाई से इंतजार कर रहा है कि अब काम होगा, तब होगा. सितंबर तक लेटर धमदाहा में ही है.
इन दोनों मामलों ने इतना भन्ना दिया कि अब कहने के लिए कुछ नहीं बचा है.
पुष्यमित्र। पिछले डेढ़ दशक से पत्रकारिता में सक्रिय। गांवों में बदलाव और उनसे जुड़े मुद्दों पर आपकी पैनी नज़र रहती है। जवाहर नवोदय विद्यालय से स्कूली शिक्षा। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता का अध्ययन। व्यावहारिक अनुभव कई पत्र-पत्रिकाओं के साथ जुड़ कर बटोरा। संप्रति- प्रभात खबर में वरिष्ठ संपादकीय सहयोगी। आप इनसे 09771927097 पर संपर्क कर सकते हैं।
पुष्यमित्र जी शुक्र मनाइए कि आपका चेक ड्राअर मे मिल गया । असल बात ये है कि बैंक के कामकाज की जो निगरानी करते हैं उनका फोकस बडे ग्राहको पर ही रहता है।