अर्वित राज दिल्ली-NCR की भागदौड़ भरी जिंदगी कितनी तनाव पूर्ण होती है ये बात किसी से छिपी नहीं है। ना
Author: badalav
कमजोर दिल वाले न देखें.. तस्वीरें विचलित करती हैं!
ये तस्वीरें बिहार के नालंदा जिले के नूर सराय की हैं। कल (10 जून 2018) जब वहां के सब्जी किसानों
अतिवादों के दौर का जनक है पूजीवादी अर्थतंत्र-ब्रह्मानंद ठाकुर
ब्रह्मानंद ठाकुर विनय तरुण स्मृति व्याख्यान 2018 का विषय है- अतिवादों के दौर में पत्रकारिता और गांधीवाद। मैं यह स्पष्ट कर
क्योंकि मैं सड़क हूं!
मैं सड़क हूं, मेरे यहां आपका स्वागत है, लेकिन WALK AT YOUR OWN RISK…! अरे, अरे, घबराइए नहीं, मेरा मतलब
अतिवादों के दौर में पत्रकारिता और गांधीवाद
मोनिका अग्रवाल जब हम किसी से पूछे कि वर्तमान में हिंदी की साहित्यिक पत्रकारिता का काल कैसा है ? शायद
दरमा घाटी में जीवन की संघर्ष गाथा
अशोक पांडे के फेसबुक वाल से दरमा घाटी के वाशिंदों का जीवन बेहद संघर्ष भरा होता है । जिस तरह
हमारे दिलों का कोना-कोना नाप चुके हैं सागर बाबा
सुबोध कांत सिंह बात तक की है जब मैं चौथी कक्षा में पढ़ता था। स्कूल में गर्मी की छुट्टी पड़ी
राजकिशोर का न होना
संजीव कुमार सिंह जनसत्ता की कैच लाइन रही है सबकी खबर दे, सबकी खबर ले। टीवी में काफी समय गुजारने
ASP राजेश साहनी की संदिग्ध मौत के पीछे कौन ?
एक जांबाज अफसर की संदिग्ध मौत मामले की जांच के बिना खुदकुशी करार देने की इतनी जल्दबाजी क्यों हो रही