मुसाफिर हूं यारो के तहत बदलाव ने वरिष्ठ पत्रकारों और सृजनशील लोगों से बातचीत का एक सिलसिला शुरू किया है।
Author: badalav
हिन्दी की चिंता ऊपर से नहीं, नीचे से कीजिए
ब्रह्मानंद ठाकुर हिंदी दिवस से एक दिन पहले मैंने पूरा दिन 11-4 बजे तक एक उच्च विद्यालय में बिताया। हिन्दी
राजनीतिक गणित में बुरी तरह से उलझ कर रह गई हिन्दी
डॉ संजय पंकज हिन्दी को राजभाषा का दर्जा देकर सरकार भूल गई। १४ सितम्बर १९४९ से हर वर्ष हिन्दी दिवस मनाने
समस्या आरक्षण नहीं, भयानक बेरोजगारी है
पीयूष बबेले नब्बे के दशक की शुरुआत में मंडल कमीशन लागू होने के बाद से यह पहला मौका था, जब
गौरक्षकों को स्वामी विवेकानंद का संदेश
ब्रह्मानंद ठाकुर 11 सितम्बर 1893। इसी दिन स्वामी विवेकानन्द ने शिकागो शहर में विश्व हिंदू धर्म महा सम्मेलन में व्याख्यान
स्वामी विवेकानंद और हिंदू गौरव वाणी के 125 बरस
संजय पंकज संसार की प्रथम विश्व धर्म महासभा शिकागो,अमेरिका में 11 सितम्बर 1893 में विराट भारत खड़ा हुआ था। इसके
शिक्षक नहीं, मल्टीपर्पस ड्राइवर
डॉ. सुधांशु कुमार जी हां ! हम शिक्षक नहीं, ड्राइवर हैं । मल्टीपर्पस, मल्टीटैलेंट । इसीलिए खिचड़ी से लेकर बत्तख
दुख, तकलीफ, पीड़ा में जादू-टोना वाला ससुराल मत भागो भईया
ब्रह्मानंद ठाकुर चुल्हन भाई तीन दिन पर ससुराल से लौटे हैं। वैसे वे यदा -कदा विशेष काज -परोजन पर ही
अस्पताल के नाम पर दोहरा फर्जीवाड़ा, जमीन दानदाता से धोखा
ब्रह्मानंद ठाकुर आज से 6 साल पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुजफ्फरपुर जिले के पिलखी मे बूढीगंडक नदी पर बने पुल
अबकी बार सियासत का ‘सवर्ण संग्राम’
देश में कभी पिछड़ा वर्ग आंदोलन होता तो कभी एससी एसटी और सवर्ण । हर कोई अपने अपने तरीके से