बदलाव प्रतिनिधि, मुजफ्फरपुर जिले के प्रगतिशील किसानों की बैठक 22 अक्टूबर को शहीद खुदीराम बोस – प्रफुल्ल चाकी स्मारक स्थल
Author: badalav
मीटू के असल मायने क्या हैं ?
कुमार प्रशांत ‘मीटू’ अब महज एक शब्दभर नहीं है, एक नया सहचारी भाव हमारे जमाने में दाखिल हुआ है। इसका
ओम बाबू ! आपकी हर अदा के हम कायल हैं
पशुपति शर्मा नशे में है कौन नहीं और किसमें है नशा नहीं है नशा उन्हीं में जो कहते मुझमें नशा
मी टू का रायता
डा. सुधांशु कुमार इधर मी-टू ने पाँच-दस दिनों में जितना रायता फैला कर दस-बीस लोगों की साँस साँसत में डाल
हर दशहरे पर निगाहें तलाशती हैं नीलकंठ
धीरेंद्र पुंडीर दशहरा और नीलकंठ। “नीलकंठ तुम नीले रहियो हमारी बात राम से कहियो”। पता नहीं कि अब हमको अपनी
जनता बेहाल, कारोबारी मालामाल, वाह रे अच्छे दिन वाली सरकार !
शुरुआत से ही मोदी सरकार को विपक्षी पार्टियों ने सूट-बूट वाली सरकार का तमगा दिया तो ऐसा लग रहा था
आस्था का बाज़ारीकरण और आडंबरों का बाज़ार
ब्रह्मानंद ठाकुर पिछले 9 दिनों से हर तरफ दुर्गा पूजा की धूम रही । क्या शहर क्या गांव हर तरफ
भावना का रेगुलेटर कहां है?
राकेश कायस्थ भावना में भगवान बसते हैं। इसलिए भक्त बहुत भावुक होते हैं। राफेल का मामला उछला तो मुझे लगा
ऑफ करना सीख लो, नहीं तो खुद ऑफ हो जाओगे
टीम बदलाव ‘इंटरनेट क्रांति ने हमें एक अलग किस्म का इंसान बना दिया है, हम वर्चुअल वर्ल्ड में तो शेर
पूंजी में #Me Too की कुंजी
ब्रह्मानंद ठाकुर घोंचू भाई दोपहर में खाना खा कर आराम करने के लिए बिछौना पर लेटबे किए थे कि मनकचोटन