राकेश कायस्थ खबर है कि राहुल गांधी इस्तीफा देना चाहते हैं। मुझे समझ में नहीं आया कि किसे देना चाहते
Author: badalav
क्यों विपक्ष और जनपक्ष हो जाना ही निष्पक्ष पत्रकारिता है?
पुष्यमित्रजब मैं लिखता हूं कि पत्रकार का काम शास्वत विपक्ष हो जाना है तो कई मित्र को आपत्ति होती है।
हम पत्रकार तो शास्वत विपक्ष हैं
पुष्यमित्र के फेसबुक से साभार 1961 में जब ब्रिटेन की रानी भारत आई थी और नेहरू उसके स्वागत में बिछे
एग्ज़िट पोल और उसके मायने समझिए
राकेश कायस्थ 1. यह बहुत साफ था कि 2019 की लड़ाई अंकगणित बनाम केमेस्ट्री होगी। मतलब यह कि जितने भी
गांधीजी के हत्यारे को देशभक्त बताने के पीछे की सोच को समझिए
उर्मिलेश उसने अपनी विचारधारा के अनुसार अपने ‘मन की बात’ ही तो कहीं है! उसके अनेक सियासी पूर्वज भी यही
चुनावी समर के बीच ‘स्वप्नलोक’ में ‘योगी’ से साक्षात्कार
ब्रह्मानंद ठाकुर कभी-कभी सपने भी अजीब होते हैं। अजीब इसलिए कि ऐसे सपनों के कोई हाथ-पैर नहीं होते और यथार्थ
दीपक चौरसिया- सफरनामे में तालियों का शोर और सन्नाटा
पशुपति शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार। दीपक चौरसिया। पत्रकारिता का एक बड़ा नाम। मैं और मेरे हम-उम्र साथी जिस
काम पूरा लेंगे, लेकिन दाम अधूरा देंगे…वाह रे हमारी लोकतांत्रिक सरकार !
सुधांशु कुमार वर्षों की सुनवाई, उसके दौरान शिक्षकों के प्रति जजों की पूरी सहानुभूति, शिक्षकों के खून-पसीने की कमाई के
क्या राजीव की आड़ में सरकार की नाकामी छिपाने में सफल होंगे मोदी?
पुष्यमित्र राजीव गांधी कोई राजनीति के सन्त नहीं थे। आजकल जो उन्हें सन्त बनाने पर तुले हैं, वे या तो
2019 चुनाव का सबसे धमाकेदार इंटरव्यू
वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश के फेसबुक वॉल से पत्रकारिता के छात्रों और नये-पुराने तमाम पत्रकारों को NDTV पर प्रणय रॉय का