ब्रह्मानंद ठाकुर कभी-कभी सपने भी अजीब होते हैं। अजीब इसलिए कि ऐसे सपनों के कोई हाथ-पैर नहीं होते और यथार्थ
Author: badalav
दीपक चौरसिया- सफरनामे में तालियों का शोर और सन्नाटा
पशुपति शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार। दीपक चौरसिया। पत्रकारिता का एक बड़ा नाम। मैं और मेरे हम-उम्र साथी जिस
काम पूरा लेंगे, लेकिन दाम अधूरा देंगे…वाह रे हमारी लोकतांत्रिक सरकार !
सुधांशु कुमार वर्षों की सुनवाई, उसके दौरान शिक्षकों के प्रति जजों की पूरी सहानुभूति, शिक्षकों के खून-पसीने की कमाई के
क्या राजीव की आड़ में सरकार की नाकामी छिपाने में सफल होंगे मोदी?
पुष्यमित्र राजीव गांधी कोई राजनीति के सन्त नहीं थे। आजकल जो उन्हें सन्त बनाने पर तुले हैं, वे या तो
2019 चुनाव का सबसे धमाकेदार इंटरव्यू
वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश के फेसबुक वॉल से पत्रकारिता के छात्रों और नये-पुराने तमाम पत्रकारों को NDTV पर प्रणय रॉय का
फसल खरीद ना होने पर देवरिया के पिंडी गांव में चुनाव बहिष्कार का फैसला
सत्येंद्र कुमार यादव लोकसभा चुनाव में गांव के स्थानीय मुद्दे नदारद हैं । कोई राष्ट्रवाद के नाम पर चुनाव लड़
पांचवें चरण में सात राज्यों की 51 सीटों पर मतदान कल
उत्तर प्रदेश- धौरहरा, सीतापुर, मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, बांदा, फतेहपुर, कौशाम्बी, बाराबंकी, फैजाबाद, बहराइच, कैसरगंज, गोंडा बिहार- सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर,
किसानों के हक के लिए रविवार शाम 5 बजे पिंडी पंचायत भवन जरूर आएं
बदलाव प्रतिनिधि, देवरिया देश में आम चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं । राष्ट्रवाद के शोर में जमीनी मुद्दे
सहिष्णुता और गांधी
पशुपति शर्मा दक्षिण अफ्रीका में जोहांसबर्ग से प्रिटोरिया तक की रेल यात्रा। पीटरमारित्जबर्ग में ट्रेन से धक्का देकर गांधी को
बदलते दौर में पत्रकारिता के चाल-चरित्र और चेहरे की झलक
वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश के फेसबुक वॉल से साभार मेरा मानना है, किसी लेखक, बुद्धिजीवी, एकेडेमिक, सामाजिक या राजनीतिक कार्यकर्ता की