पुष्य मित्र कई बार कुछ खबरें आपको बहुत कुछ बोलने पर मजबूर कर देती है, वहीं कुछ खबरें सन्नाटे में
Author: badalav
शादी-विवाह में मैथिल संस्कृति की झलक
अरविंद दास वर्षों पहले किसी पत्रिका में एक लेख पढ़ा था- शादी हो तो मिथिला में। जाहिर है, इस लेख
लेखन और अभिनय के बीच के एक मजबूत पुल का टूटना
सचिन श्रीवास्तव गिरीश कर्नाड के निधन की खबर सुनकर पूरी दुनिया में उनके चाहने वालों की आंखें नम हो गईं
मुजफ्फरपुर में भूखों का पेट भरने वालों को धमकी क्यों ?
कुंदन कुमार के फेसबुक वॉल से साभार बीते दिनों मुजफ्फरपुर में लगातार हो रहे हत्या,लूट-डकैती,बालिका गृह कांड आदि जघन्य घटनाओं
विएना ओपेरा हाउस की वो शाम
सच्चिदानंद जोशी के फेसबुक वॉल से साभार हमारे रंगकर्म के गुरु प्रभात दा गांगुली जब मूड में होते थे तो
मुजफ्फरपुर में आज भी रची-बसी हैं कविवर रवींद्रनाथ टैगोर की यादें
वीरेंद्र नंदा मुजफ्फरपुर में सन् 1901 में रवीन्द्रनाथ टैगोर को दिये गये सम्मान-पत्र की बांग्ला प्रति की प्रतिलिपि रंगकर्मी स्वाधीन
अपने ही गांव में आज हम अजनबी बन गए
धीरेंद्र पुंडीर अपने ही मकान में हम अजनबी या अजनबी मकान में हम कुछ भी कह पाना मुश्किल है। अकेले
23 जून को पटना में विनय तरुण स्मृति कार्यक्रम
पुष्यमित्र इस बार विनय तरुण स्मृति समारोह पटना में होना तय हुआ है। जगह फाइनल है। रोटरी भवन। हम विनय
सूखा है तो है, उन्हें तो सिर्फ सत्ता से मतलब है!
पुष्यमित्र / इन दिनों बिहार समेत लगभग पूरा देश भीषण सूखे का सामना कर रहा है, अगर 5-7 फीसदी लोगों