प्रवीण कुमार दूबे के फेसबुक वॉल से साभार हज़ारों हाथ ऊपरवाले के सामने दुआ के लिए उठे तो दुआ कैसे
Author: badalav
बिहार में बाढ़ के बीच ‘देवदूतों’ ने ली चमकी प्रभावित परिवारों की सुध
आनंद दत्ता दस जुलाई से जो हमने चमकी बुखार के पीड़ित बच्चों का सर्वेक्षण शुरू किया था, उसका पहला चरण
पहाड़ों की दास्तां बयां करते ‘जंगली फूल’ को अयोध्या प्रसाद खत्री सम्मान
ब्रह्मानंद ठाकुर इस बार अयोध्या प्रसाद खत्री स्मृति सम्मान अरुणाचल प्रदेश की नवोदित कथा लेखिका जोराम यालाम को उनके उपन्यास
कांग्रेस को एक अनुभवी और जमीनी लीडरशिप की जरूरत
दिवाकर मुक्तिबोध मई में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिलने की शायद उसकी उतनी चर्चा नहीं
बाढ़ प्रभावित लोग नेताओं को नहीं डीएम को घेरें
पुष्यमित्र जिस तरह चमकी बुखार के वक़्त वैशाली में लोगों ने सांसद को घेरा था, उसी तरह कल झंझारपुर में
गांधी और दलित उत्थान
पिछले हफ्ते पटना के विद्यापति भवन सभागार में “गांधी और दलित” विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस
जीरो बजट खेती और सरकारी सोच
पुष्यमित्र/बही खाता वालों ने किसानों से जीरो बजट खेती करने कहा है। उन्हें क्या जीरो बजट का हिन्दी नहीं मिला?
दिल्ली में रिवायत का पहला लोक-उत्सव आज
पशुपति शर्मा लोक-कलाओं का अपना रस है और अपना आनंद। लोक कलाओं ने अपना शास्त्र भले न गढ़ा हो लेकिन
समांतर सिनेमा की राह बनाने वाले फिल्मकार की नज़र
अरविंद दास साल 2010 की गर्मियों के मौसम में हम पुणे स्थित फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआइआइ) में फिल्म एप्रीसिएशन
मेरे मन का चोर और उसकी ईमानदारी
अरविंद सिंह की फेसबुक वॉल से साभार/ ये टीकम सिंह जी है। हुआ ये कि कल शाम गाज़ियाबाद रहने वाली