पुष्यमित्र बारिश से गीली हुई सुबह में जब टहलने निकला तो एक मैदान में मक्के यह ढेर पड़ा मिला। साफ
Author: badalav
गर्जना ही तुम्हारी ताक़त है
सुनील श्रीवास्तव रास्ते के पत्थरों को वह मारता है बहुत ताकत से। प्रतिदिन सुबह और शाम जैसे किसी के गुनाह
कोरोना के क्रांतिवीर से माफी
कोरोना काल -7 कोरोना के क्रांतिवीरहो सके तो माफ कर देनातुमक्रांति की बात करोगेऔर हम तलाशेंगेशांति के फायदे तुमअपना करियरदांव
अपनी उदासियों पर लगा लेना एक मास्क!
कोरोना काल- 6 अपनी उदासियोंपर लगा लेनाएक मास्क! जो तुम्हारेशुभचिंतक हैंवो कर लेंगेउदासियों का हिसाब! तीन लेयर वाले मास्कके भीतर
पत्रकार उर्मिलेश को लॉकडाउन के नए दोस्त मुबारक
अपन जैसे घुमक्कड़ के लिए इन दिनों घर की यह बालकनी सबसे प्रिय जगह है, जहां दिन भर में दसियों
अब वो नहीं देंगे थपकी…
कुछ लोग इतने अलहदा होते हैं कि उनके न होने की कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती। मगर ऐसे
करोगे याद तो हर बात याद आएगी
कहां तक मन को ये अंधेरे छलेंगे, उदासी भरे दिन कभी तो ढलेंगे। 29 मई की रात हरेंद्र भाई ने
मीडिया से ज्यादा गांव में ‘फील गुड’-सुधीर सुंदरियाल
एक अच्छी नौकरी और अच्छा घर हर किसी का सपना होता है, इसके लिए अपना घर-बार छोड़ गांव से बड़ी
हरित क्रांति वाला पूर्वांचल क्या कोरोना काल में करेगा नई क्रांति ?
कोरोना काल को ‘रिवर्स पलायन’ के तौर पर भी याद किया जाएगा। शहर की चकाचौंध छोड़कर बड़ी संख्या में लोग
पूर्णिया के डीएम, एसपी, अधिकारियों, सांसद, विधायक के नाम एक पाती
कोरोना का संकट काल और इस बीच अहंकार की लड़ाई। सुनकर आपको अचरज जरूर होगा लेकिन बिहार के पूर्णिया जिले