वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश के फेसबुक वॉल से साभार सुबह-सुबह आज ‘बाबू’ की याद आई ! मां-पिता के गये वर्षों गुजर
Author: badalav
हैप्पी फादर्स डे पापा!
पशुपति शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार मेरे पापा। हर बेटे की तरह मेरा भी दावा है सबसे अलहदा हैं
आत्मनिर्भर बनाना है तो हुनर को पहचानना होगा
पुष्यमित्र के फेसबुक वॉल से साभारइस किसान ने अपनी टूटी सायकिल में स्कूटी का टायर जोड़ कर इसे मोबाइल पम्पसेट
“सर… मेरी बात पहले सुन लीजिए, तब कुछ कहिएगा”
लॉक डॉउन के शुरुआती दिनों से ही मैं विभिन्न संचार माध्यमों से देश के अलग अलग हिस्सों में रह रहे
अन्नदाता से न्यूनतम समर्थन मूल्य का अधिकतम सरकारी छलावा
पुष्यमित्र बारिश से गीली हुई सुबह में जब टहलने निकला तो एक मैदान में मक्के यह ढेर पड़ा मिला। साफ
गर्जना ही तुम्हारी ताक़त है
सुनील श्रीवास्तव रास्ते के पत्थरों को वह मारता है बहुत ताकत से। प्रतिदिन सुबह और शाम जैसे किसी के गुनाह
कोरोना के क्रांतिवीर से माफी
कोरोना काल -7 कोरोना के क्रांतिवीरहो सके तो माफ कर देनातुमक्रांति की बात करोगेऔर हम तलाशेंगेशांति के फायदे तुमअपना करियरदांव
अपनी उदासियों पर लगा लेना एक मास्क!
कोरोना काल- 6 अपनी उदासियोंपर लगा लेनाएक मास्क! जो तुम्हारेशुभचिंतक हैंवो कर लेंगेउदासियों का हिसाब! तीन लेयर वाले मास्कके भीतर
पत्रकार उर्मिलेश को लॉकडाउन के नए दोस्त मुबारक
अपन जैसे घुमक्कड़ के लिए इन दिनों घर की यह बालकनी सबसे प्रिय जगह है, जहां दिन भर में दसियों
अब वो नहीं देंगे थपकी…
कुछ लोग इतने अलहदा होते हैं कि उनके न होने की कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती। मगर ऐसे