अमित शर्मा अब यहां की धूल में पहले-सी वो महक नहीं। अब यहां के ‘राम-राम’ वाले संबोधन में पहले-सा अपनापन
Author: badalav
टेलीविजन की तरह उन्माद नहीं फैलातीं पुस्तकें
संजीव कुमार सिंह दिल्ली पुस्तक मेले से खट्टा मीठा अनुभव लेकर लौटा। खट्टा इसलिए कि इस बार पुस्तक मेले का
24 X 7… ये फ्री सेवा तो गुरुओं की ही है!
सत्येंद्र कुमार लोग कहते हैं कि ज्ञान घोलकर नहीं पिलाया जा सकता लेकिन मेरी ज़िंदगी में ऐसे कई गुरु हैं,
रेगिस्तान की रेत से उम्मीदों की बूंद निचोड़ते हैं, मेरे गुरुवर
सुमित शर्मा गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पांव/बलिहारी गुरु आपनौ, गोविंद दियो बताय। आज गोविंद का दिन भी है
वो जिन्होंने ‘बदलाव’ का ज्ञान और मान बढ़ाया
हरदोई के प्रधानाचार्य के मन की बातें बिजनौर के शिक्षक निशांत यादव की रिपोर्ट। रामपुर इंटर कॉलेज में शिक्षक शरत
अजीत, सलाखों में कैसे गुन लेते हो हसीन सपने?
रविकांत चंदन प्रतिशोध, नफरत और ना उम्मीदी के बीच आयी एक अच्छी खबर ने नई रोशनी दी है। बनारस के
गाँवन के गुनहगार अपने, आ कोसेला गाँव के
डॅा० जयकान्त सिंह ‘जय’ हमार गतर-गतर गँवई गरिमा के गवाही देला। रोंआँ-रोंआँ ओकरे रिनी (ऋणी) बा। हमार मन-मिजाज आ दिल-दिमाग
सरकारी स्कूल- केवल ढोल पीटने से ढोल फट जाएगा
मृदिक व्रतेश सरकारी और गैर-सरकारी, दो स्कूली दरबार। यहां व्यवस्था-अव्यस्था एवं सुविधा-असुविधा के अंतर का विभाजक बीज बोकर एक अद्भुत
खुश हो लो… सड़क प्रवीण तोगड़िया के नाम तो नहीं की
देवांशु झा के फेसबुक वॉल से औरंगजेब रोड पर संग्राम छिड़ा है। भला सड़क का नाम औरंगजेब से बदल कर