चंदन शर्मा आदरणीय मोदी जी, ट्वीटर पर सॉरी बोल देने से सब कुछ खत्म नहीं हो जाता। चंडीगढ़ में जो
Author: badalav
ऐ हिंदी, वो करते रहें फ़िक्र, हम तो तुम पे फिदा हैं
विश्व हिन्दी सम्मेलन, भोपाल से ज़ैग़म मुर्तज़ा हिंदी दुनिया की चौथी सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है। दुनिया भर में
सरकार, कैसे हैं मुखियाजी के ‘मास्टरसाब’?
कुबेरनाथ बिहार के सरकारी स्कूलों की स्थिति में कुछ सुधार तो हुआ है लेकिन शिक्षा में नहीं। लालू राज में
ओ शहर, गांव से बड़े भय के साथ लौटता हूं
अमित शर्मा अब यहां की धूल में पहले-सी वो महक नहीं। अब यहां के ‘राम-राम’ वाले संबोधन में पहले-सा अपनापन
टेलीविजन की तरह उन्माद नहीं फैलातीं पुस्तकें
संजीव कुमार सिंह दिल्ली पुस्तक मेले से खट्टा मीठा अनुभव लेकर लौटा। खट्टा इसलिए कि इस बार पुस्तक मेले का
24 X 7… ये फ्री सेवा तो गुरुओं की ही है!
सत्येंद्र कुमार लोग कहते हैं कि ज्ञान घोलकर नहीं पिलाया जा सकता लेकिन मेरी ज़िंदगी में ऐसे कई गुरु हैं,
रेगिस्तान की रेत से उम्मीदों की बूंद निचोड़ते हैं, मेरे गुरुवर
सुमित शर्मा गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पांव/बलिहारी गुरु आपनौ, गोविंद दियो बताय। आज गोविंद का दिन भी है
वो जिन्होंने ‘बदलाव’ का ज्ञान और मान बढ़ाया
हरदोई के प्रधानाचार्य के मन की बातें बिजनौर के शिक्षक निशांत यादव की रिपोर्ट। रामपुर इंटर कॉलेज में शिक्षक शरत
अजीत, सलाखों में कैसे गुन लेते हो हसीन सपने?
रविकांत चंदन प्रतिशोध, नफरत और ना उम्मीदी के बीच आयी एक अच्छी खबर ने नई रोशनी दी है। बनारस के
गाँवन के गुनहगार अपने, आ कोसेला गाँव के
डॅा० जयकान्त सिंह ‘जय’ हमार गतर-गतर गँवई गरिमा के गवाही देला। रोंआँ-रोंआँ ओकरे रिनी (ऋणी) बा। हमार मन-मिजाज आ दिल-दिमाग