बाँदा के जसपुरा से आशीष सागर दीक्षित गरीबी और आधे पेट रोटी खाकर अपने खेत की सूखी मिटटी को नम
Author: badalav
अजीत अंजुम और मीडिया की ‘बैताल’ कथा
फेसबुक पर अजीत अंजुम की पोस्ट-एक टीवी न्यूज़ चैनल्स पर भूत /प्रेत /रहस्य /रोमांच/ डायन/ चुड़ैल और परियों की वापसी
हम ये कैसी पत्रकारिता कर रहे हैं?
पत्रकारिता में रहते हुए पत्रकारिता धर्म निभाने की ललक पता नहीं कितने पत्रकारों में बची रह गई है? लेकिन ऐसे
पीएम की काशी का पानी ‘काला’ है…
रुही कंधारी दुनिया के सबसे पुराने शहरों में एक गंगा के किनारे बसे वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी ने जब
विनाशलीलाओं के बाद…
एक दिन दिन डूब जाएगा पर दिनचर्या से नहीं और रात दिन के मटमैले विस्तार में लंबे समय तक अस्त
जला तन, झुलसा मन… बिना धन कैसे हो इलाज?
प्रतिभा ज्योति पटना के मनेर ब्लॉक के छितनावा गांव की चंचल पासवान पर 21 अक्तूबर 2012 को एसिड से हमला
सम्मान वापसी- भावना और तर्क में किसका पलड़ा भारी?
प्रणव मुखर्जी, राष्ट्रपति दिवाकर मुक्तिबोध देश में बढ़ती असहिष्णुता के विरोध में नामचीन साहित्यकारों, फिल्मकारों, संस्कृतिकर्मियों और वैज्ञानिकों द्वारा राष्ट्रीय
सेहमलपुरवालों… सोच समझकर चुनना प्रधान
अरुण यादव उत्तर प्रदेश यानी वो राज्य जो देश की सियासत की दिशा और दशा बदलने का माद्दा रखता है।
गोयनका सम्मान का ‘राम नाम सत्य’
बाबा असहिष्णु आनंद जैसे विश्व भर में सिनेमा प्रेमियों को, खुद अभिनेता-अभिनेत्रियों को, फिल्म समीक्षकों को और सिनेमा के क्षेत्र
एक मज़दूर की आत्मा
ये जो सफेद स्वीमिंग पूल है पूल समझने की तुम्हारी भूल है इसे मैंने मेरे ख़ून से रंगा है तब