कुमार सर्वेश यहां ‘धान का कटोरा’ है, प्राकृतिक सौंदर्य की वनदेवी है, खनिज संपदा के पहाड़ हैं, जड़ी-बूटियों के जंगल हैं,
Author: badalav
‘सूखे’ की खूंटी पर टंगा ‘साहित्य’
दिवाकर मुक्तिबोध ‘श्रेय’ की राजनीति में निपट गया रायपुर साहित्य महोत्सव। कुछ तारीखें भुलाए नहीं भूलती। याद रहती हैं, किन्हीं
एसिड से भी खाक नहीं कविता का सौंदर्य!
प्रतिभा ज्योति लोग अक्सर सोशल साइटस पर अपने आकर्षक और खूबसूरत तस्वीरें पोस्ट किया करते हैं। पोस्ट के बाद
16 मौजों के मजरा गांव में चाय वाली की चर्चा
सियासत उसके लिए किसी अबूझ पहेली से कम नहीं थी। चुनाव लड़ना तो दूर उसके बारे में सोचने की फिर
कोई ‘निर्भया’ न हो, किसी मां के आंखों में आंसू न हों
कीर्ति दीक्षित 24 घंटे नहीं बीते जुवेनाइल एक्ट को पास हुए कि एक और फिर खबर आई दिल्ली के कड़कड़डुमा
चुर्रामुर्रा के शिखर के चांद हैं डॉक्टर चंद्रशेखर
सत्येंद्र कुमार यादव हरियाणा में गांव प्रधान के चुनावों में शिक्षा की शर्त लागू कर दी गई है। व्यावहारिक रूप में
सोनपुर मेला… बस कहने को सबसे बड़ा पशु मेला?
पुष्यमित्र बैल बाजार बिल्कुल खाली है। गाय बाजार में मुश्किल से 40-50 गायें और बछड़े हैं। हाथी बाजार में जो
गांव बीरबलपुर में 65 साल की ‘राजशाही’ का ख़ात्मा
अरुण प्रकाश क्या आप किसी ऐसे गांव के बारे में जानते हैं जहां ‘राजशाही’ रही हो। नहीं जानते हैं तो
डीएम साहब, सम्मान का ये ‘निवाला’ वो कभी नहीं भूलेगी
सत्येंद्र कुमार यादव क्या किसी बच्चे के पिता की मौत हो जाए और उसकी मां विधवा हो जाए, ऐसे में
बॉर्डर की जंग से कमतर नहीं है गांव का ‘विकास-युद्ध’
देश की आन-बान और शान के लिए मर मिटने वाला एक फ़ौजी जब समाजसेवा की ठान लेता है तो उसकी