डॉ प्रकाश हिंदुस्तानी विजय मनोहर तिवारी ने अपनी मां श्रीमती सावित्री तिवारी को अलग तरीके से विदाई दी। उन्होंने अपनी
Author: badalav
एमु पालन-बड़े फायदे का सौदा है लखटकिया कारोबार
कन्हैया लाल सिंह जमशेदपुर से कोई छह किलोमीटर की दूरी पर एनएच 33 किनारे स्थित गांव बागुनहातु में रिटायर्ड प्रोफेसर
ये फ़िक्र बे’कार’ नहीं, बेकार है सियासी ‘चिल्ल-पों’
सैयद जैग़म मुर्तज़ा भाई दिल्ली में बे-कार रहने वाले हम जैसे लोग तो ख़ुश हैं। पिछले पांच साल में चंद
मेरे गांव, तेरा जन्मदिन हम भी मनाएंगे
अरुण प्रकाश 7 नवंबर 2015 की वो तारीख देश हमेशा याद रखेगा । ये वही तारीख है जब देश के
हम चलते गए, कारवां बनता गया…
साल 2015 बीत गया और साल 2016 के सूरज ने दस्तक दे दी। पुराने साल में पाठकों से बने
नये साल की मनुहार
एक वर्ष ने और विदा ली एक वर्ष आया फिर द्वार गए वर्ष को अंक लगाकर नये वर्ष की
कल सवेरा मुस्कुराएगा
पीके ख्याल नव वर्ष का सूरज, बीते बरस का अंधेरा मिटाएगा, मत हो उदास सुबह आकर सवेरा मुस्कुराएगा । ।
”सुजाता” के बहाने
दिवाकर मुक्तिबोध 6 दिसंबर 2015, रविवार के दिन रायपुर टॉकीज का ”सरोकार का सिनेमा” देखने मन ललचा गया। आमतौर अब
जल उठा उम्मीदों का ‘दीया’
सत्येंद्र कुमार यादव आज कुछ बच्चे हंस रहे थे, मुस्कुरा रहे थे। तालियां बजा कर उत्साह मना रहे थे। अपनी
कभी यहां शेर रहते थे, आज राजनीति के ‘लकड़बग्घे’
कुमार सर्वेश यहां ‘धान का कटोरा’ है, प्राकृतिक सौंदर्य की वनदेवी है, खनिज संपदा के पहाड़ हैं, जड़ी-बूटियों के जंगल हैं,