एक जीवन और हज़ारों ख़्वाहिशें
एक चाहत और हज़ार बंदिशें
एक ईश्वर और हज़ार फरियाद
एक राह और हज़ार मुश्किलात
शॉर्ट कट
पहले : धन्यवाद कि तुमने हाथ बढ़ाया
बाद में : तुम कौन?
अंततः
एक लाश और शमशान में जगह नहीं…!
मधेपुरा के सिंहेश्वर के निवासी रुपेश कुमार की रिपोर्टिंग का गांवों से गहरा ताल्लुक रहा है। माखनलाल चतुर्वेदी से पत्रकारिता की पढ़ाई के बाद शुरुआती दौर में दिल्ली-मेरठ तक की दौड़ को विराम अपने गांव आकर मिला। पहले हिंदुस्तान और अब प्रभात खबर के ब्यूरो चीफ के तौर पर गांव की ज़िंदगी में जितना ही मुमकिन हो, सकारात्मक हस्तक्षेप कर रहे हैं। उनसे आप 9631818888 पर संपर्क कर सकते हैं।
पढ़ाई के लिए ऐसी लड़ाई, जय बीना.. जय हिंद… रुपेश कुमार की एक रिपोर्ट पढ़ने के लिए क्लिक करें