प्रियंका यादव
पूरा देश कोरोना संकट से जूझ रहा है। देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है । इस मुश्किल की घड़ी में अगर कुछ उम्मीद की किरण है तो वो है कृषि सेक्टर । लिहाजा अगर आप गांव में रहते हैं और खेती आपकी आजीविका का सहारा है तो मल्टी लेयर खेती की देसी तकनीकी आपके लिए एक वरदान साबित हो सकती है जिसे इजात किया है मध्य प्रदेश के सागर में रहने वाले 30 साल के युवा किसान आकाश चौरसिया किसानों के लिए एक मिसाल हैं । आकाश ऐसे किसान हैं जो देसी तकनीकी से मल्टीलेयर खेती कर युवाओं को खेती के प्रति प्रेरित कर रहे हैं । आज आकाश एक ही खेत में एक ही समय में पांच अलग-अलग फसलें उगा रहे हैं । आकाश एक एकड़ में 10 लाख रुपये सालाना कमाई का रिकार्ड बना चुके हैं । सिर्फ 12वीं तक पढ़ाई करने वाले आकाश चौरसिया का सपना था डॉक्टर बनकर लोगों का इलाज करना लेकिन 10 साल पहले आकाश ने डॉक्टरी की तैयारी छोड़कर खेती शुरू कर दी और आज वो 12 लाख किसानों को आर्गेनिक खेती की देसी तकनीकी के बारे में शिक्षित कर चुके हैं । आकाश ने आखिर पढ़ाई छोड़कर खेती करने का फैसला क्यों किया । आकाश की मल्टीलेयर खेती की देसी तकनीकी क्या है। उनकी तकनीकी से खेती में लागत कैसे कम होगी और किसान अपनी आमदनी कैसे बढ़ा सकता है। इन तमाम सवालों पर आकाश चौरसिया ने टीम बदलाव से खुल कर बात की ।
बदलाव- सुना है आप एक एकड़ खेत में 10 लाख तक की कमाई करते हैं, ये कैसे मुमकिन हुआ ?
आकाश चौरसिया- ये सब मल्टीलेयर फार्मिंग का कमाल है, जिसके जरिए मैं एक ही खेत में पांच अलग-अलग फसलें उगाता हूं । जिससे लागत कम आती है और मुनाफा ज्यादा होता है ।
बदलाव- एक ही खेत में पांच फसलें कैसे उगाते हैं, क्या इसके बारे में विस्तार से बताएंगे ?
आकाश चौरसिया- हम उन पांच फसलों का चयन करते हैं तीन महीने से लेकर 9 महीन तक चलती हैं। मल्टीलेयर फार्मिंग में एक फसल जमीन के भीतर होती है तो उसकी उसके ठीक उपरी सतह पर । तीसरी फसल लते या फिर बेल वो सब्जियां होती हैं जो ऊपर जाकर फैलती है ।चौथी फसले के रूप में उन फलों सा सब्जियों का चयन होता है जो कम से कम 7 फीट की ऊंचाई पर जाकर फल देते हैं ।ऐसे में पूरी तरह वैज्ञानिक पद्धति से हम मल्टीलेयर फार्मिंक करते हैं ।
बदलाव- मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीकी काफी महंगी होती है ऐसे में आम किसान इस तकनीकी से खेती कैसे कर पाएगा ?
आकाश चौरसिया- देखिए मेरी मल्टीलेयर फार्मिंग की तकनीकी पूरी तरह देसी है और उसमें खर्च बहुत ज्यादा नहीं आता । मेरी तकनीकी में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर सामान किसान के आसपास मिल जाते हैं जिससे लागत कम आती है और किसान उसे आसानी से तैयार भी कर सकता है ।
बदलाव- आप की तकनीकी से मल्टीलेयर फार्मिंग करने के लिए किसानों को कितना खर्च करना होगा और उसकी तैयारी के लिए किन सामानों की जरूरत पड़ेगी ?
आकाश चौरसिया- जैसा कि मैंने पहले ही बताया कि इसकी तैयारी में इस्तेमाल होने वाला सामान जैसे बांस, रस्सी और पतला तार किसानों के आसपास आसानी से मिल जाता है। फिर भी अगर ये सभी सामान बाजार से खरीदकर लगाना हो तो भी एक एकड़ में करीब डेढ़ से पौने दो लाख रुपये से ज्यादा खर्च नहीं होग । खास बात ये है कि ये करीब 5 साल तक चलेगा। मतलब सालाना 30 हजार का खर्च होगा ।
बदलाव- मान लीजिए कोई किसान मल्टीलेयर फार्मिंग शुरू करना चाहता है तो वो खेत की तैयारी कैसे करे, थोड़ा विस्तार से बताइए ?
आकाश चौरसिया- शुरुआत से बात करें तो जिस खेत में आपको मल्टी लेयर फार्मिंग करनी है उसकी पहले अच्छी से जुताई करें । बाकायदा जरूरत के हिसाब से खाद का इस्तेमाल करें । कोशिश करें कि जैविक खाद यूज करें। इसके लिए सबसे पहले 100 किलो चूने का पाउडर और 50 किलो नीम का पाउडर डालकर खेत की जुताई करते हैं और कम से कम 5 दिन और अधिकतम 15 दिन खेत को खुला छोड़ देते हैं । उसके बाद बारी आती है बांस को गाड़ने की । एक बात और अगर आपके पास सागौन या फिर दूसरी ऐसी लड़की मिले तो उसका भी इस्तेमाल कर सकते हैं, बस याद रखें वही लड़की इस्तेमाल करें जो सड़ती गलती कम हो और सस्ती हो ।
बदलाव- बास को गाड़ने और उसको खरीदने में क्या सावधानी बरतनी होती है ?
आकाश चौरसिया- सबसे पहले तो बांस पका हुआ और भीतर से ठोस हो। बांस सीधा हो और उसकी मोटाई सवा इंच से ज्यादा ना हो । लंबाई कम से 10-11 फीट रखें और ध्यान रहे 9 फीट से छोटे बांस का इस्तेमाल ना करें ।
बदलाव- बांस को जमीन में गाड़ने के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है ?
आकाश चौरसिया- बास को जमीन में गाड़ते वक्त बाजार में मौजूद कीटनाशक लेप का इस्तेमाल करें, नीचे बांस को पेंट भी कर सकते और जमीन में करीब एक से डेढ़ फीट तक गाड़ें । एक बांस से दूसरे बांस की दूरी लंबाई में 6 फीट हो और चौड़ाई 5 फीट रखें। पूरा ढांचा तैयार करने के बाद बाद बारी आती है बांस को आड़ी में चारों तरफ से 6 फीट की ऊंचाई पर बांस से बांधने की । जिस तरह घर के लेंटर के समय चारों तरफ से पहले पीलर को लेंटर से जोड़ दिया जाता है उसी तरह गाड़े गए बांस को अलग बांस से चारों तरफ से बांधना जरूरी है। ऐसा करने के बाद पीछे की तरफ खूंटा गाड़कर तार या रस्सी के सहारे बांस को खींचकर बांध देते हैं जैसे टेंट लगाते वक्त किया जाता है जिससे हवा के झोंके को सह सके । उसके बाद भीतर 20 गेज का जीआई तार से बुनाई करते हैं । एक तार से दूसरे तार की दूरी आधा फीट रखें और उसके बाद ऊपर से घास डालते हैं । खास वही इस्तेमाल करें जो हल्का और पतला हो जिससे धूप छनक नीचे आए ।
बदलाव- स्ट्रक्चर तैयार करने के बाद फसलों का चयन कैसे करते हैं और सबसे पहले कौन की फसल की बुआई करते हैं ?
आकाश चौरसिया- सबसे पहले ऐसी फसल का चयन करें जो जमीन के भीतर होती है और 5-6 महीने में तैयार होती हो । इसके लिए आप हल्दी, सूरन जैसी कंद वाली फसलों का चयन करें । उसके बाद जमीन के सरफेस पर उगने वाली पालक, मूली, मेथी, चौराई जैसी पत्ते वाली फसल का बीच डालें । उसके बाद बीच-बीच में करेला, तोरी जैसी लता वाली सब्जियों की बुआई करें । जो बांस के सहारे तारों पर जाएगी और वहां उसे लटका दें । अब पांच-पांच फीट की दूरी पर पपीते की जड़े लगाएं, जो बड़ा होने पर सेड के ऊपर निकल जाए । किसान ऐसी चार फसलों से शुरुआत करें । उसके बाद चार फीट की ऊंचाई पर तार की एक और बुनाई कर लौकी जैसी बेले वाली फसल को भी उगा सकते हैं । यानी जमीन के भीतर अदर जैसी फसल, जमीन के सरफेस पर पत्ते वाली, सेड के ऊपरी हिस्से पर लता वाली सब्जी और बीच के लेयर पर बेले वाली सब्जी और उसके बाद सेड के ऊपर पपीता । इस तरह पांच लेयर की खेती की जा सकती है । फिलहाल मैं 6 लेयर पर भी काम कर रहा हूं ।
बदलाव- जिन सब्जियों की बात आपने की है उनका मौसम निर्धारित रहता है ऐसे में फसलों के चयन में क्या सावधानी बरतनी चाहिए ?
आकाश चौरसिया- देखिए मौसम का हमें खास ध्यान रखना होता है और साथ में सब्जियों के कॉन्बीनेशन का भी ख्याल रखना होता है । इसलिए मैंने मौसम और पर्यावरण को देखते हुए मल्टीलेयर फार्मिंग के लिए 100 से ज्यादा सेट तैयार किए हैं । जिससे बुआई में किसानों को आसानी होती है । रही बात समय की तो फरवरी का महीना सबसे उपयुक्त होता है । अगर आप फरवरी में शुरुआत करते हैं तो दिसंबर तक आपका खेत सभी फसलों से खाली हो जाएगा और फिर आपको अगली तैयारी के लिए 2-3 महीने का वक्त मिल जाता है ।
बदलाव- इसकी सिंचाई और निराई-गुड़ाई कैसे करते होंगे, इसमें क्या मुश्किलें आती हैं ?
आकाश चौरसिया- सिंचाई के लिए हम एक इंच मोटी प्लास्टिक की लूज पाइप लेते हैं और पूरे खेत में ऊपर से पानी का छिड़काव करते हैं । जरूरत के हिसाब से हर दिन या एक दिन के अंतराल पर पानी का छिड़काव करते रहते हैं । इससे पानी की काफी बचत होती है और एक ही पानी में हमारी पांच फसलें तैयार हो जाती हैं । रही बात निराई गुड़ाई की तो उसकी बहुत जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि पत्ते वाली फसलें हम उखाड़े रहते हैं जिससे जमीन को ऑक्सीजन मिलता रहता है । खास बात है कि दूसरी बार फसल की तैयार में आपको ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती । जैविक खेती का फायदा ये भी है कि एक दो साल के बाद नाम मात्र खर-पतवार ही उगता है जिससे मजदूरी भी बचती है ।
बदलाव- मल्टीलेयर फॉर्मिंग के फायदे क्या हैं, क्या इसका कोई नुकसान भी है ?
आकाश चौरसिया- मल्टीलेयर फॉर्मिंग के सिर्फ फायदे ही फायदे हैं बस जरूरत है तो सही तकनीकी, मौसम और मार्केट के हिसाब से फसलों के चयन करने की । आम किसान जिसके पास खेत कम हो और आय का दूसरा कोई साधन ना हो वो मल्टीलेयर फॉर्मिंग का इस्तेमाल कर सकता है । एक एकड़ में किसान 5-6 लाख तक की कमाई आसानी से कर सकता है ।
बदलाव- किसानों की सबसे बड़ी मुश्किल होती है फसलों पर मौसम के मार की और पशुओं से नुकसान की उसके क्या उपाय हैं ?
आकाश चौरसिया- देखिए मल्टीलेयर की देसी तकनीकी इन सभी समस्याओं का सबसे बेहतर समाधान है।मसलन चारों तरफ बांस लगा होने पर आप आसानी से खेत की घेराबंदी कर लेते हैं जिससे जानवर अंदर नहीं जा पाते । हमारी मल्टीलेयर तकनीकी सब्जियों पर मौसम के मार से भी बचाती है । ऊपर घास की छत होने से फसल पर धूप तो आती है लेकिन पाला नहीं मार पाता, धूप भी जरूरत के मुताबिक ही आती है जिससे मुरझाने का भी खतरा नहीं रहता । गर्मी के दिनों में जब गर्म हवाएं चलती हैं तो चारों तरफ हम घर पर मौजूद पुरानी साड़ी को बांस के सहारे बांध देते हैं तो उससे गर्म हवा भी सीधी फसलों तक नहीं पहुंचती है । इस तरह किसानों को मौसम और पशुओं से चिंता करने की भी जरूरत नहीं पड़ती । फिर भी अगर कोई फसल किसी वजह से खराब भी हुई तो बाकी तीन फसलें आपको नुकसान होने से बचा लेंगी ।
बदलाव- किसानों की सबसे बड़ी मुश्किल होती है बाजार में सही कीमत मिलने की उसके लिए आप क्या रणनीति बनाते हैं ?
आकाश चौरसिया- देखिए बाजार में आपके माल की सही कीमत तभी मिलेगी जब सही समय पर आपका माल बाजार में पहुंचेगा । मल्टीलेयर में हमने इसीलिए समय और अलग-अलग फसलों को चुना है जिससे 9-10 महीने तक लगातार किसान के पास कोई ना कोई फल या सब्जी मौजूद रहे, इससे आप नियमित कस्टमर भी बना सकते हैं या फिर समय से पहले फसल तैयार होने पर मंडी में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं । आजकल जैविक उत्पाद की बाजार में डिमांड बढ़ रही है इसलिए जरूरत है आपको उस बाजार को पहचानने की ।
बदलाव- क्या किसान साथी आपसे सीधा संपर्क कर सकते हैं?
आकाश चौरसिया- बिल्कुल किसानों के लिए हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं । किसान भाइयों के लिए मैंने अपने फार्म पर ट्रेनिंग की व्यवस्था की है । फसलों को जो 100 से ज्यादा सेट बनाया है उसको किसानों को दिया जाता है । साथ ही जैविक खाद घर पर कैसे बनाएं इन तमाम चीजों को सिखाया जाता है । अगर बदलाव के पाठक हमसे सीधा संपर्क करना चाहते हैं तो वो बदलाव से हमारा नंबर या फिर ई-मेल आईडी मांग कर कॉल या मेल कर सकते हैं मैं उनकी पूरी मदद करूंगा ।
बदलाव- बदलाव से बात करने के लिए शुक्रिया। उम्मीद है किसान साथी आपके बताये रास्ते पर जरूर चलेंगे ।
आकाश चौरसिया- धन्यवाद ।
One thought on “अन्नदाता की कामयाबी का नया ‘आकाश’”
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