55 घंटे बाद ‘मां’ ने पुकारा… बेटी को मेरी गोद में दे दो !

55 घंटे बाद ‘मां’ ने पुकारा… बेटी को मेरी गोद में दे दो !

‘क्या मुझे इस बच्ची के बारे में कोई जानकारी दे सकता है ? हम गोद लेना चाहेंगे’… 14 जून 2019, दोपहर 12 बजकर 3 मिनट पर एक वीडियो देखने के बाद वो लिखती है अपने मन की भावना ट्विटर पर लिखती हैं। फिर थोड़ी देर बाद दोपहर 12 बजकर 17 मिनट पर महिला के पति ट्वीट करते हैं.. “ये चीख़ अब और नहीं सुनी जा सकती। कोई जानकारी हो तो बताइए। हम इस बच्ची को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहेंगे।” मानो उस मासूम के भाग्य के रास्ते खुल रहे हों । इस ट्वीट के बाद ऐसा लगा मानो इस दंपति को भगवान ने भेजा और कहा हो जाओ पीहू को घर लेकर आओ। तुम ही हो उसके आंखों के तारे… और वो तुम्हारी जिंदगी है। मासूम की पीड़ा हरने वाले और उसे नई जिंदगी देने वाले एक माता-पिता मिल गए ।

12 जून को सुबह 5.30 बजे उसकी चीख ने गांव के सन्नाटे को चीर दिया। थोड़ी देर पहले मां के पेट से इंसानी दुनिया में उसने कदम रखा था । उसे क्या पता था कि असली मां के लिए वो सिर्फ एक लोथड़ा है। 9 महीने पेट में तो रखा लेकिन शायद 9 मिनट तक अपनी गोद में रखना उचित नहीं समझा और जायल के बरनेल गांव के छाजोली रोड के किनारे फेंक कर फरार हो गई। ये जगह राजस्थान के नागौर जिले में स्थित है। सड़क के किनारे कचरे के ढेर में बिलखती नवजात की आवाज सुनकर स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे । सबसे पहले ग्रामीण गणपत दधीच पहुंचे। उन्होंने बताया कि 12 जून की सुबह साढ़े 5 बजे घर से बाहर निकले तो बच्ची की रोने की आवाज सुनाई दी । कचरे के ढेर में वो चीख रही थी । बच्ची के शरीर पर पानी था। ग्रामीणों ने पुलिस को इस बात की सूचना दी… बच्ची को जायल सामुदायिक अस्पताल पहुंचाया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने बच्ची को नागौर रेफर कर दिया।

अभी तक पता नहीं था कि आखिर में ये नवजात किसकी कोख से जन्म ली है । पुलिस मां की तलाश में जुटी थी । इस बीच राजस्थान के रहने वाले कृष्ण मोहन शर्मा कचरे की ढेर में पड़ी बच्ची का वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हैं । कृष्ण मोहन शर्मा लिखते हैं… “इंसान के नाम पर कलंक है, जिसने फूल जैसी बच्ची को पैदा होते ही कचरे के ढेर पर फेंक दिया। ऐ इंसान और कितना गिरेगा तू…अपने खून तक को नहीं बख्सा… प्लीज बख्स तो मासूम बच्चियों को” कृष्ण मोहन शर्मा ये ट्वीट 14 जून को सुबह 8 बजकर 37 मिनट पर करते हैं यानी बच्ची मिलने के 51 घंटे बाद ।

51 घंटे से बच्ची का उपचार अस्पताल में चल रहा था । सोशल मीडिया पर जो भी कचरे के ढेर में बच्ची का वीडियो देख रहा था उसके असली मां को कोस रहा था । लेकिन अभी तक कोई भी बच्ची की मदद करने.. उसको गोद लेने के लिए आगे नहीं आया । अस्पताल के स्टॉफ बच्ची की सेहत को लेकर चिंतित थे । तभी 14 जून 2019, दोपहर 12 बजकर 3 मिनट पर न्यूज 24 की वरिष्ठ पत्रकार साक्षी जोशी की नजर ट्विटर के माध्यम से इस बच्ची पर पड़ती है और उन्होंने इस बच्ची को गोद लेने के लिए आगे बढ़ती हैं । ट्वीट में आप पढ़ सकते हैं कि साक्षी लोगों से जानकारी मांगती हैं कि “क्या मुझे इस बच्ची के बारे में कोई जानकारी दे सकता है? हम यानी मैं और विनोद कापड़ी इसे गोद लेना चाहेंगे।”


15 मिनट बाद दोपहर 12 बजकर 17 मिनट पर वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म डायरेक्टर विनोद कापड़ी अपनी पत्नी साक्षी जोशी की बात को आगे बढ़ाते हुए ट्वीट करते हैं.. “ये चीख़ अब और नहीं सुनी जा सकती। कोई जानकारी हो तो बताइए। हम इस बच्ची को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहेंगे।”

फिर क्या था लोगों ने विनोद कापड़ी और साक्षी जोशी को इस फैसले लिए सराहना करने लगे और घर में नई बच्ची आए इसकी शुभकामनाएं देने लगे । थोड़ी देर बात विनोद कापड़ी फिर ट्वीट करते हैं- “मुझे नहीं लगता कि 14 जून से बड़ा दिन कभी मेरी जिंदगी में आया है या कभी आएगा। जब सिर्फ ये एहसास भर है कि घर में ये प्यारी बच्ची आने वाली है । हमें एहसास है कि देश में गोद लेने की प्रक्रिया जटिल और लंबी है। पर उम्मीद है कि आप लोगों की दुआओं और प्यार हर मुश्किल को पार करेगा और बिटिया घर आएगी”

विनोद कापड़ी जब दूसरा ट्वीट कर रहे थे शायद तब तक उन्हें ये पता नहीं था कि बच्ची कहां और किस हालत में है । अपने मित्र के जरिए नवजात के बारे में पूरी जानकारी लेने में जुटे थे । इसी बीच उन तक बच्ची के बारे में सारी सूचनाएं धीरे-धीरे आ रही थीं । जब पूरी जानकारी मिल गई तो उन्होने ट्वीट कर डॉक्टर का धन्यवाद किया और गोद लेने की प्रक्रिया का जिक्र किया । “Thanks a million to the Doctors of JLN Hospital , Nagaur , Rajasthan. We are checking adoption process. Special Thanks to all of you for this special journey.” और साक्षी जोशी ने लिखा कि- ‘हमारी बेटी अब सुरक्षित हाथों में है। उसे ढुंढ़ने में हमारी मदद करने के लिए धन्यवाद।’

यानी लावारिस और ‘वारिश’ के बीच के सफर में करीब 55 घंटे बीत गए थे । बच्ची जब मिली थी तो रो रही थी। अब हंस रही है । शायद उसे भी पता चल गया होगा कि उसका ख्याल रखने वाले ‘असली’ माता-पिता मिल गए हैं। वरिष्ठ पत्रकार विनोद कापड़ी और साक्षी जोशी के इस फैसले पर आम आदमी पार्टी की विधायक अल्का लांबा लिखती हैं-
“तुम #बेटियाँ फेंकोगे,
हम बेटियाँ उठा घर ले आयेगें,
तुम बेटियाँ मारोगे,
हम बेटियों को नई जिंदगी देगें,
एक नए जन्म के साथ माता-पिता बन पूरी जिंदगी पालन भी करेगें,
हर बार तुम्हीं हारोगे,
बेटियाँ जिये और जीतेगी। …
My Salute to @vinodkapri & @sakshijoshii”
ऐसी लाखों शुभकामनाएं विनोद कापड़ी और साक्षी जोशी को मिल रही है। उनकी रियल पीहू को भी प्यार मिल रहा है। टीम बदलाव की ओर से भी पीहू के नए पापा, मम्मी और भाई को शुभकामनाएं ।

  • सत्येंद्र कुमार यादव, टीवी पत्रकार