टीम बदलाव
पिछले कुछ दिनों से मीडिया के साथियों के निधन की ख़बर विचलति करने लगी है । ऐसा कोई महीना नहीं जब युवा पत्रकारों के निधन की ख़बर ना आती हो । कल रात फेसबुक खोला तो हैरान रह गया । हंसमुख, मिलनसार, हरदिल अजीज दीपांशु के निधन की खबर ने भीतर से झकझोर दिया । शुक्रवार सुबह दीपांशु का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया । उम्र यही कोई 32-33 के आसपास रही होगी । इंडिया न्यूज़, न्यूज़ एक्सप्रेस समेत पिछले करीब एक दशक से तमाम मीडिया संस्थानों में दीपांशु जुड़े रहे । एक प्रोड्यूसर से लेकर एंकर तक का सफर तय किया । लेकिन किसी को क्या पता था कि सभी को हंसाने वाला दीपांशु दुबे दोस्तों को इतनी जल्दी रुला जाएगा । इसके पीछे मीडिया की कार्यशाली जिम्मेदार है या कुछ और ये तो नहीं कह सकते, लेकिन इतना जरूर है कि जिस तरह युवा साथी असमय छोड़कर जा रहे हैं उसके लिए मीडियाकर्मियों को सोचना होगा। संपादकों को संजीदगी से विचार करना होगा । दीपांशु को हम वापस नहीं ला सकते लेकिन कोई दूसरा दीपांशु हमसे दूर ना हो इसके लिए हमें चिंता करनी होगी। दीपांशु के निधन की खबर के बाद फेसबुक पर उनको चाहने वाले श्रद्धांजलि दे रहे हैं । हर कोई अपने-अपने तरीके से दीपांशु को याद कर रहा है ।
जैसे कल की ही बात हो। एंकर के लिए पहली सीडी तैयार कराई और सबसे पहले मुझे दिखाई। बोला-कैसा लग रहा हूं। मैंने कहा दिपांशु अगर सोच लिया है तो कभी पीछे मत हटना और वैसा ही हुआ भी आगे। लेकिन…ये नहीं सोचा था मेरे दोस्त जो अचानक हुआ! यकीन करना मुश्किल है। ज़िंदादिल इंसान…हमेशा मुस्कुराते रहना, चाहे कितनी भी मुश्किल में हो। कुछ अलग करने की सोचते रहना…ये बहुत कम लोग कर पाते हैं। भगवान शक्ति दे ये सहन करने की उन सब लोगों को जो तुमसे जुड़े हुए थे। बहुत याद आओगे मेरे भाई ।
क्या बतायें दोस्तों हर दिल अजीज इंसान आज हमसबों के बीच से सदा के लिए चला गया। प्यार से इसे मैं ‘नागराज’ बोलता था, कोई इसे कालुवितरना बोले य़ा फिर कुछ और, कभी किसी बात का बुरा नही माना। रात के 2 बजे हों य़ा सुबह के 4 बजे दोस्तों और जरूरतमंदों के लिए हमेशा तैयार रहनेवाला शख्स दुनिया छोड़ सदा के लिए चला गया ।
राहुल रतनहम कभी एक दूसरे से मिले नहीं थे पर फेसबुक पर एक दूसरे की फ्रेंड लिस्ट में थे। Deepanshu Dubey कम उम्र में ही हार्ट अटैक के शिकार हो गए और इस दुनिया को छोड़ गए । मेरे कई दोस्तों द्वारा संवेदना जताने के बाद पता चला कि एक और पत्रकार तनाव का शिकार हो गया और दुनिया से चला गया । विडम्बना देखिए दुनिया के लिए लड़ने वाले पत्रकार अपने लिए लड़ाई नहीं लड़ पाते हैं । नौकरी को बचाए रखने का दवाब, बॉस का दवाब, टाइम पर अच्छा बुलेटिन निकले इसका दवाब, चापलूस पत्रकारों की दुनिया में टैलेंट के दम पर जगह बनाने का दवाब, नौकरी चली जाए तो घर को चलाने का दवाब, टीआरपी को बनाए रखने का दवाब, पॉलिटिशयन, ब्यूरोक्रेसी से निपटने का दवाब, बहुत सारे दवाब एक इंसान को शारीरिक तौर पर इतना कमजोर कर देते हैं कि वो अपने स्वास्थ्य के लिए टाइम नहीं निकाल पाता है। दीपांशु दूबे अकेला मामला नहीं है लगातार ऐसे मामले आ रहे हैं लेकिन पत्रकार जगत खामोश है। पत्रकार जगत कि ये खामोशी कई पत्रकारों की जान ले रही है। पत्रकार अपने अधिकारों के लिए लड़ नहीं पा रहे हैं और तनाव में जिंदगी बसर कर रहे हैं।
विप्लवपत्रकारिता में मानसिक तनाव के चलते एक और मौत ने सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कब तक इस प्रोफेशन में बढ़ते दबाव के कारण लोग अपनी जान से हाथ धोते रहेंगे, Deepanshu Dubey news एक्सप्रेस का साथी दबाव के आगे हार गया, एक बढ़िया प्रोड्यूसर, वॉइस आर्टिस्ट और एक अच्छा एंकर हार्ट अटैक से मर गया। मूलतः कानपुर का रहने वाले दीपांशु की अभी हाल में शादी हुई थी, last बात मेरी हुई थी तब वो चैनल one के लिए काम कर रहा था, पता चला कि कड़कड़डूमा कोर्ट के पास उसे हार्ट अटैक हुआ और उसकी मौत हो गयी, भाई सभी पत्रकार साथियों से हाथ जोड़कर कर निवेदन है अपना ख्याल रखें, मानसिक तनाव से बचें, अपना नहीं तो अपनी पत्नी और बच्चों के बारे में सोचें, खुश रहें और जिंदगी को जिंदगी की तरह जिये। ईश्वर दीपांशु की आत्मा को शांति दे।
देव व्रत
Load मत ले बता कौन है, साले को अभी sack कर दूंगा ऐसा बॉस सबको नहीं मिलता है। एक रेस्टोरेंट में कुछ दिन पहले ही मुलाकात हुई थी तो बोले टेंशन मत ले कुछ बड़ा करूंगा.Deepanshu Dubey पता नहीं था आप ये करने की बात कर रहे थे. कोई कितना भी लिखे कम है, ऐसे बॉस के लिए कभी काम का लोड नहीं लेने दिया ( हर बात में Load मत ले मस्ती से काम कर और नाम कर ) हमेशा एक बात जब चाहूं बड़ी जगह नौकरी कर सकता हूँ, लेकिन नहीं करूंगा मैं किसी की सुन नहीं सकता हूं और आज आपने ऊपर वाले की सुन ली।