संदीप कुमार सिंह
‘उधर बदगुमानी है , इधर नातवानी है
न पूछा जाय है उससे, न बोला जाय है हमसे’
तथाकथित आदर्श ग्राम पंचायत दहियारी में यदि गालिब होते तो यही कहते ! वैसे कहने को तो सांसद महोदय ने आबादी कम होने की वजह से अति उत्साह में गांव के बदले पूरे दहियारी पंचायत को ही ‘गोदी’ में उठाने का संकल्प लिया, उठा भी लिया, लेकिन उनकी गोदी में यह संभल नहीं रहा। वह पेशोपेश में है। उनकी स्थिति उस नेताजी की तरह है जो पब्लिक के बीच चुनाव प्रचार के क्रम में अपनी इमेज बनाने के लिए किसी गुदरी के ‘लाल’ को तो ‘गोदी’ में उठाकर पुचकारने लगते हैं , किंतु उसी ‘उलु लुलु’ के क्रम में वह बच्चा भी नहीं चूकता और उनके श्वेत धवल परिधान पर ‘सू-सू’ कर देता है। उस वक्त नेताजी की जो मनोदशा रहती होगी, कुछ उसी मनोदशा से ‘अति आदर्श सांसद’ गुजर रहे हैं, यह मेरा अनुमान है ! यह अलग बात है कि वहां नेताजी की गोदी में आने के बाद बच्चा लघुशंका करता है, और यहां पूर्व से ही उस स्थिति को प्राप्त पंचायत को माननीय ने गोदी में उठाने का पवनसुत-प्रयास किया है।
आदर्श गांव पर आपकी रपट-7
मुहिम के साझीदार- AVNI TILES & SANITARY
85-A, RADHEPURI EXTENTION, NEAR BUS STOP
M-9810871172,858598880
“नजर जो किसी से लगायी गयी है /समझबूझ कर चोट खायी गयी है ।”
वैसे तो आप सभी जानते ही हैं कि केंद्र में सत्ता संभालते ही पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी सांसदों को हर वर्ष एक गांव गोद लेने का निर्देश दिया था। सांसद चिराग पासवान ने भी नवंबर 2014 में ‘वटिया’ स्थित वन विभाग के विश्रामागार में एक समारोह आयोजित कर , आदर्श गांव ‘वटिया’ सहित पूरे दहियारी पंचायत को आदर्श पंचायत बनाने की घोषणा की। पंचायत की आबादी कम थी। उक्त समारोह में तब जिला स्तर के कई आला अधिकारी भी उपस्थित थे। आदर्श ग्राम की घोषणा के लगभग चार साल पूरा होने को हैं, लेकिन आदर्श पंचायत दहियारी अभी भी बदहाली के भंवर में हिचकोले खा रही है। आदर्श पंचायत दहियारी में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। लोग बिजली, पानी, सड़क , शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए जद्दोजहद करते नजर आते हैं। आजीविका के नाम पर सिंचाई रहित बंजर जमीन, पीने के पानी के लिए कनाती रहित जर्जर कुंआ, जिसमें बरसात का मैला पानी मिलकर कुएं के पानी को दूषित कर जाता है। साथ ही गांव में चारों तरफ फैली गंदगी प्रधानमंत्री स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ाती है।
सोनो ब्लॉक से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दहियारी पंचायत की तरफ जैसे-जैसे मेरी मोटरसाइकिल बढ़ रही थी वैसे-वैसे मैं खट्टे मीठे अनुभवों को फील करते हुए कुछ गुड होने की प्रत्याशा में बढ़ा जा रहा था। ऊबड़-खाबड़ सड़क माननीय की कृपा कटाक्ष की प्रतीक्षा कर रही थी। इस पंचायत की आबादी करीब आठ हजार है। पंचायत की सूरत ऐसी है कि हर तरफ फैली गंदगी दिखती है। स्वच्छ भारत-मिशन केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में है बावजूद इसके , सांसद के गोद लिए पंचायत में चारों ओर फैली गंदगी आम लोगों को हजम नहीं हो पा रही है। बटिया स्थित बाबा झुमराज मंदिर के आस-पास तो गंदगी का अंबार लगा है।
पंचायत नहीं हुआ खुले में शौच से मुक्त
पंचायत में खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित करने के लिए करीब एक हज़ार एक सौ के आसपास शौचालय का निर्माण करवाया गया, बावजूद इसके यह पंचायत ओडीएफ घोषित नहीं हो पाया। पंचायत में बने शौचालय की स्थिति काफी खराब है। खैरालेवार मुसहरी टोला में शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है तो उखरिया, पिंडारी, असनातरी, मेघामारन, मनेरिया, बदगामा, असौता आदि गांव में शौचालय की स्थिति बेहद खराब है। फलतः लोग आज भी खुले में शौच को मजबूर हैं।
दहियारी पंचायत का सूरत-ए-हाल
● बिजली- आदर्श पंचायत का हाल यह है कि यहां मुश्किल से 24 घंटे में 4 से 5 घंटे ही बिजली मिल पाती है।
● सड़क- पंचायत में बहुत हद तक सड़कों का निर्माण हुआ है, लेकिन आज भी खैरालेवार मुसहरी टोला, असनातरी आदि गांव के लोग एक अदद सड़क को तरस रहे हैं। यहां के लोग बीमार मरीजों को यातायात के साधन उपलब्ध नहीं होने के कारण खाट पर ढोने को मजबूर हैं।
● पानी- पंचायत में पेयजल की गंभीर समस्या है। खैरालेवार मुसहरी टोला में पीने के पानी के लिए कुआं है। कुएं में चारों ओर गंदगी फैली है, साथ में इसमें मुंडेर भी नहीं है। यहां के ग्रामीण किशुन राय का कहना है कि बरसात का पानी भी इसी कुएं में चला जाता है, बावजूद इसके वे लोग इसी पानी को पीने को अभिशप्त हैं। वहीं बदगामा, खांजर,उखरिया,असनातरी, पिंडारी आदि गांव में पेयजल की गंभीर समस्या है। यहां के लोग काफी दूर से गर्मी के मौसम में नदियों के पानी का उपयोग पीने के पानी के रूप में करते हैं।
● शिक्षा- उत्क्रमित मध्य विद्यालय वटिया को उच्च विद्यालय का दर्जा तो दे दिया गया , लेकिन वर्ग-कक्ष की व्यवस्था नहीं की गई। आवश्यकता के अनुरूप शिक्षकों की बहाली नहीं हुई। उत्क्रमित मध्य विद्यालय गिद्धाडीह में दो कमरे में 8 वर्गों की पढ़ाई होती है। इस शैक्षणिक अराजकता से प्रतीत होता है कि सरकार के एजेंडे से शिक्षा गायब है। किसी भी समाज की उन्नति, उसका प्राणतत्व शिक्षा होती है। बिना शैक्षिक कायाकल्प के किसी भी प्रकार के विकास और उन्नति की बात दिवास्वप्न से अधिक कुछ भी नहीं। माननीय प्रधानमंत्री को स्मार्ट सिटी और आदर्श ग्राम से पूर्व संपूर्ण भारत की जर्जर शिक्षा के कायाकल्प पर ध्यान केंद्रित करना होगा। जब तक शिक्षा का प्रसार नहीं होगा, तब तक न तो वे सफाई का महत्व समझ पाएंगे और न ही खुले में शौच की बुराइयों की खामियों को जान पाएंगे। अपनी मजबूरियों को बयां करते हुए विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक राजेंद्र पासवान कहते हैं कि ‘यहां पर वर्गकक्ष की नितांत आवश्यकता है। इसके अभाव में बस किसी तरह खानापूर्ति की जा रही है..।’
सांसद का विकास कार्य
◆ पंचायत के चर्चित झुमराज बाबा मंदिर में सीढ़ीनुमा घाट का निर्माण करवाया गया, किंतु इस संबंधित तसवीर में आप देख सकते हैं, इस घाट का निर्माण कितना सार्थक है ।
◆ हेठ वटिया में सामुदायिक भवन का निर्माण हुआ है।
◆ बटिया उच्च विद्यालय में चारदीवारी निर्माण हुआ।
◆ अटल ज्योति योजना के तहत 131 सोलर लैंप लगाए गए।
◆ बटिया में विवाह भवन की स्वीकृति मिली है। जल्द ही निर्माण कार्य प्रारंभ होगा।
◆ प्रकृति किसान क्लब तैयार कर प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है किंतु सिंचाई के नाम पर सब चुप ! ‘इन्द्र’ बाबू की कृपा पर खेती निर्भर !
◆ बिजली हेतु अलग से फीडर की व्यवस्था की जा रही है। पता नहीं जो चार वर्षों में नहीं हो पाया, एक वर्ष में कैसे हो पाएगा ?
◆ जीविका ग्रुप के साथ महिलाओं के सशक्तिकरण एवं रोजगार हेतु चप्पल बनाने तथा डिटर्जेंट पाउडर बनाने की मशीन लगाई जाएगी।
◆ यूथ क्लब, किसान क्लब, स्पोर्ट्स क्लब बनाया गया है।
◆ पाठा सेंटर की स्थापना की गई है लेकिन वह पाठा कितना पाठा है , इसका निर्णय तसवीर देखकर आप ही करें ।
◆ उच्च विद्यालय बटिया को डिजिटल स्कूल बनाया जा रहा है। समय निर्धारित नहीं ।
◆ एटीएम के लिए वित्त मंत्रालय को लिखा गया है।
◆ बीएसएनएल की मदद से बटिया को निशुल्क वाईफाई उपलब्ध कराया जाएगा। भले ही उनके पेट में अन्न हो, न हो। लोग आटा की जुगाड़ करें या डाटा कंज्यूम करें यह तो वही जानें !
◆ पानी के लिए फिल्टर, वाटर सप्लाई प्लांट लगाने हेतु स्थल का चयन किया जा चुका है।
◆ इस पंचायत के लिए एक स्पेशल एप्लीकेशन डेवलप किया जा रहा है।
नहीं मिला है पूर्व के जिलाधिकारी का अपेक्षित सहयोग
जब इस आदर्श पंचायत दहियारी के विकास की बाबत जमुई के सांसद चिराग पासवान से पूछा गया तो उन्होंने सीधे-सीधे अपनी नाकामियों का ठीकरा पूर्व जिलाधिकारी के माथे पर पटक दिया। उन्होंने कहा कि “वह इसके विकास की ओर से लगातार उदासीन बने रहे, जिसकी शिकायत मैंने मुख्यमंत्री से भी की थी। वर्तमान जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार से पहले ही दिन आदर्श पंचायत दहियारी के विकास के रोडमैप पर बात हुई है। नए डीएम से उम्मीद है कि आदर्श पंचायत के विकास में अपेक्षित सहयोग मिलेगा।
” ग्राम प्रधान से भी संपर्क साधने की कोशिश की किंतु वह किसी कार्यवश बाहर गये थे , फलतः उनसे भेंट नहीं हो सकी। खैर ! जब मैं badalav.com की इस मुहिम को अंजाम देकर दहियारी से प्रस्थान करने लगा तो अचानक मेरे मस्तिष्क में आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री की यह पंक्ति बिजली की तरह कौंध गयी –
ऊपर -ऊपर पी जाते सब, जो पीने वाले हैं
कहते ऐसे ही जीते हैं , जो जीने वाले हैं
संदीप कुमार सिंह। देढ़ दशक से दैनिक जागरण से संबद्ध। जमुई , बिहार में वरीय संवाददाता के रूप में कार्यरत। विशेष रूप से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की समस्याओं के कारणों पर निरंतर रिपोर्टिंग। सामाजिक कार्यकर्ता। आप इनसे 7004153641 पर संपर्क स्थापित कर सकते हैं।
आदर्श गांव पर आपकी रपट
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Great job Sandeepji