मई महीने में बदलाव पर ‘आदर्श गांव पर आपकी रपट’

मई महीने में बदलाव पर ‘आदर्श गांव पर आपकी रपट’

टीम बदलाव

सांसद आदर्श ग्राम इस योजना का नाम तो आप ने भी सुना होगा । चार साल पहले देश में खूब प्रचार-प्रसार भी हुआ । माननीय प्रधानमंत्री जी का ड्रीम मिशन भी हम कह सकते हैं, लेकिन वक्त बीतने के साथ आदर्श ग्राम योजना के प्रचार की चमक फीकी पड़ती गई। लिहाजा जेहन में एक सवाल कौंध रहा है कि जमीन पर आदर्श ग्राम का ये सपना कितना साकार हो पाया?

इसी बात की पड़ताल के लिए टीम बदलाव ने मई महीने में आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए गांवों की स्टोरी  पर फोकस करने का फैसला किया है। इसके लिए ‘आदर्श गांव पर आपकी रपट’ सीरीज की भी शुरुआत की जा रही है। हम मई महीने में बेस्ट रिपोर्ट को रिवॉर्ड भी करेंगे, जो मामूली धनराशि या पुस्तक किसी भी रूप में हो सकती है।

इस लेख प्रतियोगिता के जरिए हम उन गांवों का रियलिटी चेक कर पाएंगे जिन्हें हमारे माननीय सांसद या विधायक ने गोद ले रखा है। इससे ऐसे आदर्श गांव की असली तस्वीर देश के सामने आएगी। इसके साथ ही इस लेख माला के माध्यम से हम नए और उदीयमान लेखकों से भी जुड़ सकेंगे। इसमें लेख भेजने के लिए आपका प्रोफेशनल लेखक या फिर पत्रकार होना जरूरी नहीं ।आपकी पृष्ठभूमि चाहे जो हो, आपकी भाषा अभिव्यक्ति शैली चाहे जैसी भी हो, अगर आप अपने या आस-पड़ोस के गांव का आंखों देखा हाल साझा करना चाहते हैं तो आप इस सीरीज में हिस्सेदारी कर सकते हैं। इसलिए खुलकर इस रपट प्रतियोगिता में हिस्सा लीजिए। हर महीने पुरस्कृत होने वाला लेख भले ही एक ही हो, लेकिन जितने भी आलेख आएंगे, उनमें अगर प्रकाशन योग्य सामग्री है तो हम उसे बदलाव की वेबसाइट पर जरूर प्रकाशित करेंगे। आप अपना आलेख हमें [email protected]  ई-मेल कर सकते हैं । साथ ही आप अपना पूरा नाम, पता और मोबाइल नंबर लिखना न भूलें।

किन कसौटियों पर परखें आदर्श गांव

आदर्श गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य, और सड़क के क्या इंतजाम हैं। स्कूल है तो किस क्लास तक और उसमें पढ़ाई का स्तर क्या है। चिकित्सा की जो व्यवस्था है उसकी दशा क्या है। मुख्यमार्ग से गांव को जोड़ने वाली सड़क की क्या हालत है ।

गांव में बिजली है कि नहीं, अगर है तो कितने घंटे आती है। बिजली न आने पर कोई वैकल्पिक सुविधा है कि नहीं या फिर पारंपरिक प्रकाश जैसे लालटेन, डिबरी का सहारा लेकर बच्चे पढ़ाई करते हैं। पानी के लिए पारंपरिक कुएं और हैंडपंप का इंतजाम है या फिर पाइप लाइन से घरों में पानी की सप्लाई होती है।

किसानों के लिए फसलों की सिंचाई का इंतजाम क्या है, सरकारी व्यवस्था है या फिर निजी संसाधन। फसल बीमा गांव में होती है या नहीं, फसल बीमा के बारे में गांव के लोग जानते हैं या फिर नहीं ।

गांव में शौचालय का इंतजाम है या नहीं। अगर है तो हर घर में टॉयलेट की व्यवस्था है कि नहीं। आपका गांव पूरी तरह खुले में शौचमुक्त हो चुका है या नहीं ।

पंचायत लोकतांत्रित तरीके से काम कर रही है या नहीं । क्या पंचायत भवन में नियमित बैठक होती है। गांव के विकास पर चर्चा के लिए ग्राम प्रधान गांव के लोगों से राय मशविरा करते हैं या नहीं ।

आपके सांसद का गांव से पूरी तरह सरोकार है कि नहीं । जब से सांसद जी ने गांव गोद लिया कितनी बार गांव आए। विकास कार्यों की निगरानी सांसद महोदय खुद करते हैं या फिर किसी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। आदर्श गांव योजना के तहत गांव में जो विकास हुआ या जो भी काम हुआ उसके लिए फंडिंग कहां से आई, सांसद निधि से खर्च किया गया या फिर प्राइवेट फंडिंग हुई। आपके गांव में रोजगार के प्रमुख साधन क्या हैं। ज्यादातर नौकरी पेशा है या फिर सभी किसानी पर आश्रित हैं।

ये कुछ ऐसे बिंदू हैं जिसको आधार बनाकर आप अपनी रिपोर्ट तैयार कर सकते हैं । ऐसा भी नहीं है कि हमने जो प्वाइंट सुझाए हैं वो पर्याप्त हैं, हो सकता है आप कुछ और बेहतर सोच सकते हैं तो उसकी अनदेखी बिल्कुल ना करे और अपनी रिपोर्ट में शामिल करें ।

टीम बदलाव के एक साथी ने कुछ साल पहले बदलाव पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें एक आदर्श गांव कैसा हो इसका जिक्र है । जिसके कुछ प्वाइंट और लिंक आपके साथ साझा किया जा रहा है ।( ‘ज़ीरो’ बजट का आदर्श गांव )

बदलाव की नज़र में एक आदर्श गांव कैसा हो ?

1.आपका गांव शत-प्रतिशत साक्षर हो.
2.
आपका गांव कुपोषण मुक्त हो.
3.
आपके गांव में कोई खुले में शौच नहीं करता हो.
4.
आपके गांव में हर बच्चा स्कूल जाता हो, कोई कम उम्र में मजदूरी नहीं करता हो.
5.
आपके गांव से रोजगार के लिए किसी को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती हो.
6.
आपके गांव के सारे खेत सिंचित हों और किसानों को समय पर खाद-बीज और उपज का सही दाम मिल जाता हो.
7.
आपके गांव में किसी युवती का विवाह 18 साल से कम उम्र में नहीं होता हो, हर महिला प्रसव कराने अस्पताल जाती हो, उसका नियमित टीकाकरण होता हो, दो बच्चों के बीच समुचित अंतराल रखती हो.
8.
जात और धर्म के नाम पर कोई भेदभाव नहीं होता हो.
9.
अमूमन गांव के तमाम झगड़े गांव में ही निबटा लिये जाते हों.
10.
पंचायती राज के तहत गांव में नियमित तौर पर ग्राम सभा होती हो और ग्राम सभा में अधिकतर लोग सक्रिय भागीदारी निभाते हों.


 और बेहद अहम सूचना- आपकी रपट के मूल्यांकन का जिम्मा सिमुलतला आवासीय विद्यालय के अध्यापक डॉ सुधांशु कुमार करेंगे। बेस्ट रपट के चयन में सभी साथी शामिल किए जाएंगे। डॉ सुधांशु कुमार का निर्णय अंतिम होगा।


डॉ सुधांशु कुमार- लेखक सिमुलतला आवासीय विद्यालय में अध्यापक हैं। भदई, मुजफ्फरपुर, बिहार। मोबाइल नंबर- 7979862250